उत्तराखंड

जंगल की आग पर काबू पाने के लिए हेलीकॉप्टर ने टिहरी झील से भरा पानी..

जंगल की आग पर काबू पाने के लिए हेलीकॉप्टर ने टिहरी झील से भरा पानी..

उत्तराखंड: जंगल की आग पर काबूू पाने के लिए प्रदेश में एयरफोर्स के दो हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं। इसके तहत सोमवार को एक हेलीकॉप्टर देहरादून पहुंच गया। जिसके बाद हेलीकॉप्टर ने टिहरी झील से पानी भरकर जंगलों की आग बुझाने के लिए उड़ान भरी। नरेंद्र नगर वन प्रभाग के अदवाडी और गजा के जंगलों में हेलीकॉप्टर ने पानी डालकर आग बुझाई। रेंज अधिकारी आशीष डिमरी ने बताया कि हेलीकॉप्टर ने दो बार टिहरी झील से पानी भरा। टिहरी से हेलीकॉप्टर पौड़ी की ओर रवाना हो गया।

 

दूसरा हेलीकॉप्टर हल्द्वानी में तैनात रहेगा और भीमताल झील से पानी लेगा। 2016 के बाद यह पहला मौका है जब प्रदेश में वनाग्नि पर काबू पाने के लिए हेलीकॉप्टर का उपयोग किया जा रहा है। सोमवार को एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर पहुंच जाएंगे। सोमवार को मौसम खराब होने के कारण हेलीकॉप्टर भीमताल नहीं पहुंच सका। डीएफओ टीआर बीजूलाल ने बताया कि मौसम खराब होने से हल्द्वानी से भीमताल नहीं आ पाया। डीएफओ ने बताया कि मंगलवार की सुबह हेलीकॉप्टर भीमताल झील से पानी भरकर जंगलों में लगी आग पर छोड़ेगा।

 

लगातार बढ़ रही जंगल की आग को देखते हुए अब वन विभाग के सभी अधिकारियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रविवार को हुई आपात बैठक में यह आदेश जारी किया। इस समय प्रदेश में 40 स्थानों पर जंगल धधक रहे हैं। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये शासन, पुलिस और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, सभी जिलाधिकारियों के साथ वनाग्नि प्रबंधन की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने कार्यक्षेत्र में बने रहने को कहा।

 

इसके साथ ही फायर वॉचर को 24 घंटे निगरानी करने के निर्देश भी दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि की घटनाओं की जानकारी कंट्रोल रूम को तुरंत मिलनी चाहिए। रिस्पांस टाइम में कमी लाई जाए। वन पंचायतों सहित स्थानीय लोगों का सहयोग लिया जाए, लेकिन इस बात का ध्यान रखा जाए कि बच्चे और बुजुर्ग आग बुझाने के लिए न जाएं। इसके लिए लोगों को जागरूक किया जाए।

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