उत्तराखंड

व्यापारियों ने थाली बजाकर सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ जताया आक्रोश..

कहा, कोई भी निर्णय लेने में राज्य सरकार नहीं है सक्षम, व्यापारियों को उठाना पड़ रहा है नुकसान..

रुद्रप्रयाग:  केन्द्र और राज्य सरकार की कुरीतियों और हठधर्मिता के खिलाफ प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के आहवान पर व्यापारियों ने जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग सहित नगर इकाईयों में थाली बजाकर विरोध। इस दौरान व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। व्यापारियों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि सरकार कोई भी निर्णय लेने में सक्षम नहीं है, जिस कारण व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

 

शुक्रवार को जिला मुख्यालय स्थित मुख्य स्टेशन में उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष अंकुर खन्ना एवं नगर अध्यक्ष चन्द्रमोहन सेमवाल के नेतृत्व में व्यापारियों ने थाली बजाई, जबकि तिलवाड़ा में अध्यक्ष सुरेंद्र दत्त सकलानी, अगस्त्यमुनि में अध्यक्ष नवीन बिष्ट, ऊखीमठ में अध्यक्ष राजीव भट्ट, गुप्तकाशी में अध्यक्ष मदन सिंह रावत के नेतृत्व में थाली बजाकर व्यापारियों ने विरोध जताया। व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ ताली-थाली बजाते हुए नारेबाजी कर विरोध जताया। व्यापारी सरकार के खिलाफ इतने आक्रोशित हैं कि वे सोशल मीडिया पर भी दुष्प्रचार करने में लगे हैं।

 

रुद्रप्रयाग नगर क्षेत्र में ज्यादातर व्यापारी भाजपा के कार्यकर्ता हैं और स्थानीय विधायक के भी खास हैं। ऐसे में वे अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं और सरकार के निर्णय से आक्रोशित हैं। उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष अंकुर खन्ना, व्यापार संघ अध्यक्ष चन्द्रमोहन सेमवाल, नरेन्द्र बिष्ट, संतोष रावत ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद किया गया है, जिस कारण अन्य व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। छोटे-छोटे व्यापारियों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। उनके सब्र का बांध अब टूटता जा रहा है। व्यापारियों ने कहा कि पिछले 15 महीनों से विषम परिस्थितियों में जीवन यापन कर रहे हैं।

 

व्यापारी विकट परिस्थितियों में अपना जीवन काट रहे हैं, जिससे कई व्यापारियों की स्थिति काफी दयनीय हो गई है। ऐसे में प्रदेश सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। सरकार को जनता के हित को देखते हुए कोई ठोस निर्णय लेना चाहिए। व्यापारियों ने कहा कि अब कोरोना संक्रमण की दर काफी कम हो गई है, इसलिए सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों को खोलने की अनुमति दी जाय। उन्होंने चेतावनी दी कि जल्द से जल्द अगर बाजार नहीं खोले जाते हैं तो समस्त व्यापारी स्वयं अपनी दुकान खोलने के लिए मजबूर हो जायेंगे। इधर, जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवाड़ी ने व्यापारियों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को व्यापारियों के हित को लेकर कोई ठोस निर्णय लेना होगा। व्यापारी पिछले साल से कोरोना महामारी के कारण काफी परेशान हैं।

 

उनके सामने अपने परिवार के भरण-पोषण की समस्या खड़ी हो गयी है। यहां तक कि चारधाम यात्रा भी स्थगित होने से केदारघाटी के व्यापारी खासे परेशान हैं। केदारघाटी का व्यापारी सिर्फ छः माह की यात्रा पर ही निर्भर रहता है। ऐसे में उन्हें भारी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। इस वक्त व्यापारी काफी मुश्किलों में है। व्यापार चैपट हो गया है। घर चलाने का खर्चा भी नहीं निकल रहा है। ऐसे में बाजार खोलने के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं है। उन्होंने बैंकों के ऋण का ब्याज के साथ ही जीएसटी में राहत देने की भी मांग की। श्री तिवाड़ी ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के मामले काफी कम हो चुके हैं, जिससे सरकार को अब प्रतिष्ठानों को खोलने की अनुमति दे देनी चाहिए।

 

इस मौके पर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष अंकुर खन्ना, नगर अध्यक्ष चन्द्रमोहन सेमवाल, नरेन्द्र बिष्ट, संतोष रावत, केशव नौटियाल, जितेंद्र खन्ना, माधो सिंह नेगी, सुरेंद्र कप्रवान, गोल्डी सूरी, लक्ष्मण बिष्ट, देवेंद्र रावत, पारेश्वर मंमगाई, अमित नौटियाल, कुलदीप कप्रवान, सोहन पंवार, श्रीकृष्ण मंमगाई, अजय बंसल, संदीप नेगी, समीम उस्मानी, नरेंद्र रावत, सुरेंद्र बिष्ट, मनमोहन शुक्ला, राजेश बत्रा, वीरेंद्र बुटोला, सोहन पंवार आदि शामिल थे।

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