उत्तराखंड

बीपीएल कार्ड के लिए पांच साल से विकलांग काट रहा अधिकारियों के चक्कर

त्यूंखर गांव निवासी बलवीर लाल जन्म से है विकलांग

पीड़ित बलवीर की पत्नी भी है विकलांग, जाॅब कार्ड बना, नहीं मिला रोजगार

रुद्रप्रयाग। कहने के लिए सरकारी योजनाएं गरीब जनता के लिए हैं, मगर अधिकारियों की निष्क्रियता के चलते एक विकलांग व्यक्ति पिछले पांच साल से बीपीएल कार्ड और रोजगार के लिए भटक रहा है। जन समस्याआंें के निराकरण के लिए आयोजित तहसील दिवस और जनता दरबार में भी उसकी फरियाद को नहीं सुना जा रहा है। ऐसे में विकलांग व्यक्ति खुद को ठसा सा महसूस समझ रहा है।

विकासखण्ड जखोली के ग्राम त्यूंखर निवासी बलवीर लाल जन्म से पोलियाग्रस्त है। छः साल पहले उसके परिजनों ने उसकी शादी विकलांग लड़की आशा देवी से करवाई और वे दोनों परिवार से अलग रहने लगे। शादी के बाद से बलवीर प्रशासन के चक्कर लगा रहा है, मगर ना ही उसका बीपीएल कार्ड बनाया जा रहा है और ना ही उसे रोजगार दिया जा रहा है। पीड़ित बलवीर का जाब कार्ड भी बना है, मगर उसे मनरेगा में कोई कार्य नहीं दिया जा रहा है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी उसकी कोई मदद नहीं कर रहे हैं, बल्कि उसे ताने मारे जा रहे हैं और उसकी विकलांगता का मजाक उड़ाया जा रहा है। बलवीर की दो बेटियां हैं, जिनके भरण-पोषण और स्कूल का खर्चा उठाने में काफी दिक्कतें हो रही हैं। पांच साल से विकलांग बलवीर बीपीएल कार्ड बनाये जाने को लेकर अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है। अगर अधिकारी कार्यालय में बैठें हों तो उसकी बात को अनसूना कर देते हैं और अगर जनता दरबार और तहसील दिवस में समस्या लेकर जाओ तो बलवीर को आश्वासन दिया जाता है। ऐसे में विकलांग बलवीर लाल काफी परेशान है। पीड़ित बलवीर लाल का कहना है कि पत्नी के विकलांग होने से खेती-बाड़ी का कार्य करना मुश्किल है। बच्चे काफी छोटे हैं, जिनके भरण-पोषण का जिम्मा है। प्रशासन की ओर से विकलांग सार्टिफिकेट तो दिया गया है, मगर रोजगार की समस्या को दूर नहीं किया जा रहा है और ना ही बीपीएल कार्ड बनाया जा रहा है। ऐसे में सरकार योजनाओं को लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर लगाकर थक चुके हैं, लेकिन किसी भी स्तर से कोई मदद नहीं मिली है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी कोई मदद नहीं कर रहे हैं। गांव में रास्ते, सड़क, नालियां, सुरक्षा दीवार, पेयजल का कार्य किये जाते हैं, मगर उन्हें उनकी पत्नी को कोई रोजगार नहीं दिया जा रहा है। वर्ष 2015 में जाॅब कार्ड बना दिया था और आज तक कोई भी मजदूरी का कार्य नहीं मिला। उन्होंने जिलाधिकारी से गुहार लगाते हुए कहा कि उनकी समस्या का समाधान जल्द किया जाय, जिससे वे अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें। वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि मामले में जांच की जायेगी और विकलांग व्यक्ति की हरसंभव मदद की जायेगी

 

 

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