सुमित जोशी
रामनगर। सावल्दे नदी में एक बार फिर मौत का मंजर देखने को मिला। जहां घूमने आये नोएडा के छात्र नदी के तेज बहाव की चपेट में आ गये। नदी के बहाव की चपेट में आये पांच छात्रों को स्थानीय लोगों की मदद से बचा लिया गया। लेकिन दो छात्र बहाव तेज होने के चलते नहीं बचाये जा सके। छात्रों का शव सावल्दे नदी से दो किमी दूर रेस्क्यू के दौरान बरामद हुआ है।
पहाडों में लगातार हो रही बारिश के चलते सावल्दे नदी उफान पर है। जिसकी चपेट में शुक्रवार देर रात नोएडा के एमबीटी युनिवर्सिटी में पढाई कर रहे पारस शर्मा पुत्र मनमोहन शर्मा निवासी मुरादाबाद, उमेश पुत्र अख्तर मंसूर निवासी अलीगढ़, शुभम पुत्र रवी निवासी चंडीगढ़, शुभम पांडेय निवासी हल्द्वानी, ऋषभ निवासी हरियाणा और नमरा शहाजहांपुर में आ गये। नदी की चपेट में आये छात्र अपनी एक्सयूवी कार से रामनगर घूमने आये थे। जानकारी के मुताबिक रामनगर घूमने आये सभी छात्र ढेला स्थित एक रिसोर्ट में ठहरे हुए थे। रामनगर से ढेला की ओर जाते समय सावल्दे गांव के पास नदी का बहाव तेज होने के कारण उनकी कार नदी में बह गयी। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो छात्रों की कार काफी तेज रफ्तार में थी। नदी का बहाव तेज होने के चलते उनकी कार बह गयी।
कार सवार सात में पांच को स्थानीय लोगों की मदद से बचा लिया गया। लेकिन नदी का बहाव तेज होने के कारण दो छात्रों को नहीं बचाये जा सके। शनिवार सुबह हुए रेस्क्यू में हल्द्वानी निवासी शुभम पाण्डेय व पंचकुला हरियाणा निवासी ऋषभ गर्म का शव नदी के किनारे से बरामद किया गया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
निर्माणाधीन पुल बना परेशानी का कारण।
रामनगर। सावल्दे नदी बरसात के समय अपना रौद्र रुप धारण कर लेती है। जिसके चलते दुरस्त गांव ढेला का सम्पर्क शहर से टूट जाता है। जनता की मांग को देखते हुए राज्य की पिछली हरीश रावत सरकार ने सावल्दे नदी पर पुल बनाने की घोषणा की थी। जिसका शिलान्यास करीब दो साल पहले मुख्यमंत्री के तत्कालीन औधोगिक सलाहकार रंजीत रावत ने किया था।
सरकारी मशीनरी के लचर रवैये के चलते पुल का काम पूरा नहीं हो सका है। जिस कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बीते दिनों वन मंत्री हरक सिंह रावत भी इसी नदी में तेज बहाव के चलते घंटों तक फंसे रहे थे। जिनको इस निर्माणाधीन पुल के सहारे जैसे तैसे नदी पार करायी गयी।