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तनातनी: भारत ने चीन से सटे प्रदेशों में सेना की मौजूदगी बढ़ाई

नई दिल्ली। डोकलाम में पीपल्स लिब्रेशन आर्मी के साथ जारी तनातनी के बीच भारत ने चीन से सटे प्रदेशों में सेना की मौजूदगी बढ़ा दी है। जवानों को सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में चीन से सटी सीमाओं के ‘ऑपरेशनल अलर्ट’ एरिया में तैनाती कर दिया गया है। तैयारियां यहीं तक सीमित नहीं हैं। इसके अलावा लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक फैले 4,057 किमी लंबे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर भी सर्तकता हाई लेवल पर बढ़ा दी है। खास बात यह है कि भारत ने सारी तैयारियां बेहद खामोशी से की हैं। चीन की ओर से लगातार भड़काऊ बयानों के बावजूद भारत ने अभी तक बेहद सधी हुई प्रतिक्रिया दी है।
पूर्वी हिस्से की बात करें तो यहां सुकना में 33 कॉर्प्स का मुख्यालय है। इसके अंतर्गत 17 (गंगटोक), 27 (कलिमपोंग) और 20 ( बिनागुड़ी) माउंटेन डिविजन आते हैं। हर डिविजन में 10 से 15 हजार सैनिक हैं। ये सैनिक ऊंची जगह के मौसमी हालात के अनुकूल ढले हुए हैं। भारतीय सेना ने ऐहतियाती कदम उठाते हुए समान सैन्य संसाधन वाले 3 कॉर्प्स (दीमापुर), 4 कॉर्प्स (तेजपुर) और इनके अंतर्गत आने वाले माउनटेन डिविजन को भी ऐक्टिवेट कर दिया है। 4 कॉर्प्स वही टुकड़ी है, जिसने 1962 की जंग में चीनी फौज से मोर्चा लिया था। उधर, खबर है कि चीन ने भी एलएसी के नजदीक अपनी तरफ सैन्य मौजूदगी बढ़ा दी है।

इसके अलावा, नॉर्थ ईस्ट के इलाकों में इंडियन एयरफोर्स के हवाई बेसों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक, ये विमान नियमित तौर पर ‘कॉम्बैट एयर पट्रोल्स’ जैसे अभ्यास में जुटे हुए हैं। भारत ने ये सारी तैयारियां यूं ही नहीं की। जुबानी हमले के अलावा चीन ने तिब्बत मिलिटरी डिस्ट्रिक्ट में टैकों और आर्टिलरी का जमावड़ा बढ़ा दिया है। हालांकि, टकराव का असल इलाका तो 1 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित डोकलाम है, जहां चीन भूटान के इलाके पर कब्जा करने की कोशिश में है। उसका मकसद संकरी चुंबी घाटी में सामरिक बढ़त हासिल करना है। डोकलाम में इस वक्त दोनों पक्षों की ओर से 300-350 सैनिक आमने-सामने खड़े हैं। वहीं, पीएलए ने टकराव वाले इलाके से थोड़ा ही पीछे 1500 अन्य सैनिकों को तैनात कर रखा है।

भारत सिर्फ सैन्य तैयारियां ही मजबूत नहीं कर रहा। इस बीच, इंडियन आर्मी और पीएलए के बीच नियमित फ्लैग मीटिंग्स के जरिए तनाव को खत्म करने की कोशिशें भी जारी हैं। एक टॉप लेवल फ्लैग मीटिंग नाथू ला दर्रे के पास दोनों पक्षों के मेजर जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच शुक्रवार को हुई। हालांकि, इसका कोई नतीजा नहीं निकला। पिछली मीटिंग भी बेनतीजा रही क्योंकि भारत इस इलाके से चीनी सेना द्वारा सड़क निर्माण का सामान हटाए जाने की मांग पर अड़ा हुआ है। वहीं, चीन ने भी भारत को अपनी सेनाएं हटाने के लिए कहा है। अब सबकी नजरें दोनों सेनाओं के बीच 15 अगस्त को होने वाली सेरेमोनियल बॉर्डर पर्सनेल मीटिंग्स (BPMs) पर है। वर्तमान में हालात तनावपूर्ण है, ऐसे में यह बैठक होती है कि नहीं, ये देखना होगा।

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