उत्तराखंड

सीमांत गॉव की साक्षी राणा ने बढ़ाया गढ़वाल और उत्तराखंड का गौरव…

ग़रीबी को अपनी सफलता का राज बताया साक्षी ने!….

उन्होंने बताया कि उनकी सफलता में उनके पीता की अहम भूमिका रही है!!…

साक्षी ने बताया उनका जीवन कठिनाइयों के बीच बिता है! पीता एक किसान है! जिन्होंने साक्षी को हर बाधा को पार करने गुर सिखाए है!….

उत्तराखंड : भारत तिब्बत सीमा के सीमांत गॉव मलारी की साक्षी राणा एक ऐसा नाम जो एक छोटे से गॉव से निकल कर आई। औऱ आज उनका चयन राष्ट्रीय स्तर बैटमिंटन पुणे महाराष्ट्र के लिए हुआ है बहुत ही गौरव की बात है सीमांत क्षेत्र मलारी गॉव की साक्षी पुत्री श्री राम सिंह राणा माता श्रीमती विमला देवी औऱ दो भाइयों के साथ अपने परिवार के साथ रहती हैं इनका जन्म एक सामान्य परिवार मे 2002 में हुआ और अभी 11th मे राजकीय इंटर कॉलेज नंदप्रयाग मे पढ़ती है कुछ ही महाने पहले इन्होंने राज्य स्तरीय बैटमिंटन प्रतियोगिता जीतकर नेशनल स्तर प्रतियोगिता में अपना स्थान पक्का किया। इनको ये प्रेरणा अपने पिता से सीखने को मिला।

जो बचपन से बैटमिंटन खेला करते थे।जैसे ही स्कूल स्तर पर पहुचे उनको स्कूल PTI अवतार सिंह बिष्ट जी तेफना ने सीखना शुरू किया।और बाद मे इन्होंने ने नंदप्रयाग के कोच आलोक सिंह नेगी मासों से सीखना प्रारम्भ किया उन्ही के परिश्रम का नतीजा है कि आज साक्षी राणा का चयन राष्ट्रीय स्तर पर हुआ है। परिवार का स्तर ज्यादा उच्च नही होने के कारण कही कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

लेकिन इरादा पक्का हो तो मंजिल जरूर हासिल होगी। इनको खेल के प्रति जिन लोगो का विशेष सहयोग रहा वो “सीमांत वेल्फेर असोसिएसन दिल्ली”,”नीती माणा घाटी कल्याण समिति देहरादून” श्री दीवान सिंह खाती (SE) उत्तराखंड पावर कारपोरेशन व मोहन सिंह राणा PWD गोपेश्वर चमोली का विशेष योगदान रहा!!

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