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उत्तराखंड के बाल गायकों ने दिल्ली में लोगों को किया मंत्रमुग्ध…

बद्री केदार सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था उत्तराखंड के लोक गायकी के क्षेत्र मे बाल प्रतिभाओ को दिया मंच

पहली बार मंच पर चढ़े उत्तराखंड के ग्रामीण अंचल के बाल गायक…

जितेंद्र ने किया गित्येर 2019 अपने नाम, काजल ने हासिल किया दूसरा स्थान

रुद्रप्रयाग की दो बाल गायिकाओं काजल राणा और कंचन  ने बनायीं टॉप 5 में जगह श्रीनगर की दिव्या ने बनाया टॉप 3 में जगह..

कुलदीप बगवाड़ी

दिल्ली:  बढ़ते उत्तराखंड में संगीत और गायन को भी सम्मान मिले इसके लिए कई सामाजिक संस्थाएं काम कर रही है कि किन्तु अपेक्षा के अनुरूप परिणाम सामने नही आये। वर्ष 2018 में बद्री केदार सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था ने एक पहल सुरु की जिसके सभी सदस्य नौकरी पेशा व्यापार से जुड़े है। बद्री केदार संस्था मंच के माध्यम से उन प्रतिभाओं को जो आर्थिक रूप से कमजोर और मच की तलाश अपनी मजबूरियों के चलते खुद को गांव में गुमनामी के अँधेरे में डाल देते हैं उन्हें उभारने के लिए काम कर रही है। देवभूमि के गित्येर इस मंच पर अब धमाल मचा रहे है।

कुछ लोग है जो बच्चों के भविष्य के विषय में सोचते हैं और उनके लिए जमीं पर भी कार्य करते है ऐसी ही एक संस्था हमने दिल्ली में देखी है जो उत्तराखंड के गांव में रहने वाले होनहार व् प्रतिभावान बाल गायक गायिकाओं को जिनको कि कोई संसाधन उपलब्ध नहीं होते और न ही उन बच्चों को अपने भविष्य का पता है, को एक मंच देकर उनकी प्रतिभा को जन जन तक पहुंचाने का काम कर रही है ! बड़ी सोच के साथ आगे आकर उत्तराखंड के लिए कई अन्य संस्थाएं अपने ऐसे ही किसी उद्देश्य से काम कर रही है.

बद्री केदार सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में लोक गायकी प्रतिभाओ को एकमंच पर ला कर उनकी कला को जन जन तक पहुचाने का प्रयास कर रही है। आज  गित्येर 2019 उत्तराखंड के गांवों से मीठी मीठी व् सुरीली नन्ही आवाजों को गढ़वाल भवन दिल्ली में फिर खींच लायी ,जहां बाल गायकों ने गढ़वाल भवन दिल्ली में उपस्थित सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. गित्येर 2019 में उत्तराखंड लोक गायिका मीना राणा, वीरेंद्र सिंह राही और माया उपाध्याय ने जज की भूमिका निभाई , गित्येर 2019 में कुल 10 बच्चों ने प्रतिभाग किया जो कि उत्तराखंड के पौड़ी, टिहरी, चमोली,रुद्रप्रयाग और अल्मोड़ा जिलों से आये थे इस से पहले बच्चो की विडियो दूर दराज़ गांव से मंगायी गयी और संस्था ने वीडियो को सेलेक्ट कर आज दिल्ली गढ़वाल भवन में कार्यक्रम रखा जिस में जितेंद्र ने गित्येर 2019 अपने नाम किया…

जितेंद्र मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल से है वही दूसरा स्थान पे कुमारी काजल ने अपने नाम किआ काजल पौड़ी के सतपुली से है तीसरे स्थान पर कुमारी दिव्या रही जो मूल रूप से श्रीनगर श्रीकोट से है और कक्षा 7 वी में पड़ती है नन्ही गायिका दिव्या ने अपनी आवाज़ और पहाड़ी भेस भूसा से सभी लोगो का दिल जीता , चौथे और पांचवें स्थान पर कुमारी काजल राणा और कंचन रहे जो मूल रूप से रुद्रप्रयाग जनपत से है

 

संस्था के संयोजक संजय शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड के लोककला प्रतिभाओ जिनकी कला गांव में ही सिमट कर रह जाती है उन्हें एक मंच के माध्यम से नाम व सम्मान दिलाने का प्रयास कर रही है। संस्था के महा सचिव  उमेश रावत ने बताया कि 10 से 18 साल के ऐसे बच्चे जिनमें गायकी का हुनर है और वे उत्तराखंड के गांव में रहते हैं एवं आगे बढ़ने का उनके पास कोई साधन नहीं है तो वे अपनी बोली में गाना गाते हुए एक वीडियो संस्था को भेजते है । वीडियो में चुने गए बच्चों के बीच एक प्रतियोगिता दिल्ली में कराई जाती है  जिसमें संस्था द्वारा प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले को 21000 रुपये द्वितीय स्थान प्राप्त को 15000 रुपये व तृतीय स्थान वाले को 11,000 रुपये व बाकी सभी प्रतिभागियों को 5100 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है

दूर दराज पहाड़ों से आये बाल गायकों के प्रोत्साहन के लिये उत्तराखण्ड क्राग्रेश पर्वतीय प्रान्त के अध्यक्ष  कुलदीप भण्डारी जी ने सभी बच्चों को आर्थिक सहयोग राशी 1000 Rs और उज्ज्वल भविष्य का आशीर्वाद दिया

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