उत्तराखंड

केदारनाथ के जंगलों में लापता हुये चार यात्रियों का सकुशल रेस्क्यू…

केदारनाथ के जंगलों में लापता हुये चार यात्रियों…

रास्ता भटकने से चार दिनों तक जंगल में भटकते रहे यात्री…

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम के दर्शन करने के बाद वासुकीताल-त्रियुगीनारायण पैदल ट्रेक से रास्ता भटके चार यात्रियों को पुलिस, एसडीआरएफ एवं स्थानीय गाइडों की टीम ने चैथे दिन सकुशल बरामद किया। चारों यात्री वासुकीताल में अत्यधिक कोहरा लगने के कारण रास्ता भटक गये थे और विपरित दिशा में चले गये थे। चार दिनों तक यात्री जंगल में रास्ता खोजते रहे। इस बीच चारों यात्रियों को जंगल में भूख-प्यास का सामना भी करना पड़ा। सर्च आॅपरेशन के लिये पुलिस, एसडीआरएफ एवं स्थानीय गाइडों की पांच टीमें भी चार दिनों तक जंगल में सर्च आॅपरेशन चलाती रही।

दरअसल, देहरादून और नैनीताल जिले के चार यात्री केदारनाथ धाम के दर्शन करने के बाद 13 जुलाई को वासुकीताल के लिये रवाना हो गये थे। वासुकीताल से इन्हे शिव-पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण तक पैदल टे्रेक करके आना था, लेकिन जंगल में अत्यधिक कोहरा लगने के कारण ये रास्ता भटक गये। जब यात्री वापस नहीं आये तो इनके एक साथी ने सोनप्रयाग थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद पुलिस, एसडीआरएफ और स्थानीय गाइडों की पांच टीमों ने जंगल में सर्च आॅपरेशन चलाया।

इस बीच हेलीकाप्टर से भी खोजबीन की गई, लेकिन यात्रियों का कुछ पता नहीं चला। गुरूवार को एक यात्री की फोन पर सोनप्रयाग थाने में वार्ता हुई और यात्री ने अपनी लोकेशन बताई। जिसके बाद चारों यात्रियों को सकुशल रेस्क्यू किया गया।

यात्रियों को सर्च करने गई टीमों को भी तीन राते जंगल में गुजारनी पड़ी और खोजबीन में काफी मशक्कत करनी पड़ी। रास्ता भटके चारों यात्री जंगल की गुफाओं में रात काट रहे थे और भूखे-प्यासे थे। वह नदी के सहारे चलने का प्रयास कर रहे थे। वहीं पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने कहा कि रास्ता भटकने से यात्री जंगल में लापता हो गये थे। सर्च करने के लिये पांच टीमें बनाई गई थी। चारों यात्रियों को सकुशल रेस्क्यू किया गया है।

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