बेरहमी से पत्नी की हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा
आरोपी अपनी सौतेली पुत्री पर भी रखता था गंदी नजर
पत्नी की हत्या के बाद आरोपी ने सौतेली पुत्री पर भी किया था जानलेवा हमला
रुद्रप्रयाग। कोतवाली रुद्रप्रयाग के अंतर्गत सणगू गांव निवासी इन्द्रसेन (54) पुत्र आशा लाल ने 23 अप्रैल 2018 को दिन-दहाड़े धारदार हथियार से अपनी दूसरी ब्याहता पत्नी कमला देवी की हत्या कर दी थी। घटना के समय कमला देवी के दो बच्चे स्कूल गये हुये थे। कमला देवी के 10 वर्षीय पत्रु व 17 वर्षीय पुत्री दूसरे पति से थे। दोपहर 12 बजे जब 10 वर्षीय पुत्र विद्यालय से घर लौटा तो उसने अपने पिता इन्द्रसेन और मां कमला देवी को आपस में झगड़ा करते हुये देखा। इस बीच दीवार पर भी खून के छींटे थे। कुछ देर बाद जब 17 वर्षीय पुत्री भी घर लौटी तो उसने पिता इन्द्रसेन की कमीज पर पड़े हुये खून के छीेंटों के बारे में पूछा और मां कमला देवी के बारे में जानकारी मांगने पर इन्द्रसेन ने गुस्सेमें आकर चाकू से पुत्री पर भी जानलेवा हमला कर दिया। घायल अवस्था में पुत्री किसी तरह से गांव में भागी और मदद मांगी। सूचना मिलने पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची थी, लेकिन तब तक आरोपी इन्द्रसेन घटना स्थल से फरार हो गया था। आरोपी की खोजबीन जारी थी, जिसके बाद आरोपी को 25 अप्रैल 2018 को रुद्रप्रयाग से गिरफ्तार किया गया था।
सौतेली पुत्री ने भी इन्द्रसेन पर गंदी नजर रखने का आरोप लगाया था। इन्द्रसेन की हरकतों का विरोध मां कमला देवी भी करती थी। इसी बात को लेकर आरोपी इन्द्रसेन और उसकी पत्नी कमला देवी में अक्सर लड़ाई-झगड़ा होता था। राज्य सरकार की ओर से मामले की पैरवी करते हुये डीजीसी केपी खन्ना ने अदालत से आरोपी को कठोर से कठोर सजा सुनाने की मांग की थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने पत्नी की हत्या के आरोप में इन्द्रसेन को आजीवन कारावास एवं पुत्री पर जानलेवा हमला करने पर दस साल की सजा सुनाई। इसके अलावा 20 हजार रूपये अर्थदण्ड देने का भी फैसला सुनाया।
अदालत ने मृतका के नाबालिग बच्चों के लिये प्रतिकर दिलाये जाने के लिये विधिक प्राधिकरण को अनुशंसा की है और बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के उचित प्रबंधन के लिये जिला बार कल्याण समिति को आदेश दिया है। इसके अलावा जिला समाज कल्याण अधिकारी को समय-समय पर बच्चों के संरक्षण के लिये नियुमानुसार विधिक उपाय हेतु आदेशित किया है।