पिथौरागढ़ पहुंची जनसंवाद यात्रा.
शहर में जनसंपर्क के बाद गांधी चौक में हुई जनसभा.
पिथौरागढ़ । स्थायी राजधानी गैरसैंण समेत पहाड़ के तमाम सवालों को लेकर पंचेश्वर से उत्तरकाशी तक की ‘जन संवाद यात्रा’ दूसरे दिन पिथौरागढ़ पहुंची. स्थायी राजधानी गैरसैंण संघर्ष समिति के तत्वावधान में आयोजित इस यात्रा में उत्तराखंड की तमाम संघर्षशील ताक़तें 15 दिन तक प्रदेश की आम जनता के बीच जाकर तमाम मुद्दों पर संवाद कर रही हैं.
यात्रा के दूसरे दिन चंपावत और लोहाघाट होते हुए यात्रा पिथौरागढ़ पहुंची. नगर में जगह-जगह जनसंपर्क के बाद गांधी चौक पर जनसभा का आयोजन किया गया. जनसभा को संबोधित करते हुए संघर्ष समिति के संयोजक चारु तिवारी ने कहा कि हम गैरसैंण राजधानी के आलोक में पहाड़ के सभी सवालों को देखते हैं. गैरसैंण राजधानी पहाड़ के विकास के विकेंद्रीकरण का ज़रिया है. उन्होंने कहा कि पंचेश्वर बाँध के नाम पर पहाड़ के गाँवों और उसकी संस्कृति को ख़त्म किया जा रहा है. बड़े-बड़े बाँधो के निर्माण से एक दिन पहाड़ तबाह हो जाएगा. इसके साथ ही सरकार ने पहाड़ की ज़मीनों को उद्योगपतियों के हवाले करने की साज़िश कर दी है।
वह दिन दूर नहीं होगा, जब पहाड़ के लोगों के पास ज़मीन हाई नहीं बचेगी। आज पहाड़ की ज़मीनों को बचाने का सवाल सबसे बड़ा है। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड आज तमाम तरह के संकटों का सामना कर रहा है, जिसके लिए सत्ता में बारी-बारी से रहीं भाजपा कांग्रेस जिम्मेदार हैं। पूर्व विधायक और यूकेडी नेता पुष्पेश त्रिपाठी ने कहा कि उत्तराखंड के अस्तित्व को बचाने के लिए बड़ी लड़ाई लड़नी होगी। जनसभा को प्रदीप सती, रूपेश कुमार, मोहित डिमरी, पिथौरागढ़ छात्र संघ अध्यक्ष राकेश जोशी आदि ने भी संबोधित किया। संचालन भगवान रावत ने किया। इस मौक़े पर नारायण सिंह रावत, प्रेरणा गर्ग, अनीता, आदि शामिल थे।