रुद्रप्रयाग मुख्य बाजार में घुसा मलबा, कई दुकानों का सामान मलबे में दबकर बर्बाद , खेतों में पानी का रिसाव होने के कारण हुआ हादसा
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग मुख्य बाजार के ऊपर खेतों में पानी का रिसाव होने से भारी मात्रा में मलबा दुकानों और मुख्य बाजार में घुस गया। जिस कारण बाजार की कुछ दुकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। मुख्य बाजार में स्थित श्री हंस स्वीट शाॅप दुकान संचालक को भारी नुकसान पहुंचा है। दुकान का कारखाना पूर्ण रूप से मलबे में दब गया। कारखाने में लाखों रूपये का सामना रखा हुआ था। लगभग डेढ़ सौ मीटर ऊपर से आये मलबे ने जमकर तबाही मचाई।
दरअसल, रुद्रप्रयाग मुख्य बाजार के ऊपर से नहर गुजर रही है। बताया जा रहा है कि पिछले चार दिनों से लगातार नहर में पानी चल रहा था। कुछ ग्रामीणों द्वारा अपने खेतों की सिंचाई की जा रही थी। एक खेत पानी से भर गया और रात को लगभग तीन बजे खेत का किनारा कटने लगा। खेत किनारे कटते ही पानी के साथ भारी मात्रा में मलबा मुख्य बाजार की ओर बहने लगा। देखते ही देखते भारी मात्रा में मलबा बाजार की कुछ दुकानों में घुस गया। जबकि कुछ मलबा बद्रीनाथ हाईवे पर भी आ गया। खेतों से आये मलबे में विक्रांत खन्ना और कालिका प्रसाद खन्ना के घरों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। जबकि मुख्य बाजार में स्थित श्री हंस स्वीट शाॅप का कारखाना मलबे के कारण पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है। कारखाने में रखा लाखों रूपये का सामान भी नष्ट हो गया है। कारखाने में मिठाई बनाने की सामग्री मैदा, बेसन, घी, तेल, मावा, बर्तन, भटटी, मशीनें आदि सामान रखा हुआ था। मलबा आने के कारण बाजार में कुछ दुकानें नहीं खुल पाई। इसके अलावा अमसारी के लिये नगरपालिका की ओर से बनाये गये पैदल रास्तों को भी क्षति पहुंची है।
सुबह के समय बद्रीनाथ हाईवे पर मुख्य बाजार में वाहनों की आवाजाही भी प्रभावित रही। हाईवे पर भारी मात्रा में मलबा फैल गया था। बाद में जेसीबी मशीन से मलबे को साफ किया गया। पीड़ित व्यापारी विक्रांत खन्ना ने कहा कि नहर पर लगातार पानी चलने के कारण यह हादसा हुआ है। रात्रि के समय भी नहर पर पानी चल रहा था। किसी तरह से आगे जाकर रात में ही नहर के पानी को तोड़ा गया। अगर पानी चलता रहता तो ओर बड़ा हादसा हो सकता था। उन्होंने कहा कि मलबा घुसने से लाखों का नुकसान हुआ है। मिठाई बनाने का सारा सामान, बर्तन, मशीनें, भटिटयां, तेल, घी, मैदा, बेसन सुब कुछ मलबे में दफन हो गया है। उन्होंने कहा कि नहर में पानी छोड़े जाने के कारण पूर्व में भी इस प्रकार की घटनाएं घट चुकी हैं। उन्होंने प्रशासन से उचित मुआवजा देने की मांग की है।