देहरादून- अस्पताल में भर्ती होने से पहले करवाना होगा आरटीपीसीआर टेस्ट..
उत्तराखंड: हर दिन लगातार कोरोना का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा हैं। ऐसे में सामान्य व्यक्ति के उपचार से पहले भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन जरूरी है। इसलिए हर अस्पताल किसी भी मरीज को भर्ती करने से पहले कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) का कहना है कि प्रसव और आपात स्थिति में भी कोविड की तरह ही गंभीरता पूर्ण उपचार का इंतजाम किया जाना जरूरी है। इसलिए सामान्य स्थिति में भी मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने से पहले कोरोना की जांच करवाई जा रही है।
अगर जांच की रिपोर्ट निगेटिव आती है तो सामान्य तरीके से उपचार किया जाएगा अन्यथा कोविड का उपचार भी साथ-साथ चलेगा। शहर के प्रमुख अस्पताल खुद मरीजों की कोरोना की जांच कर रहे हैं। जहां पर जांच का इंतजाम नहीं है, वहां मरीज को बाहर से कोविड की जांच कराकर निगेटिव रिपोर्ट देनी होगी। हालांकि, प्रसव समेत अन्य आपातकालीन मामलों में उपचार के समय एंटीजन जांच का प्रविधान भी किया गया है। ताकि कोरोना की आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट के इंतजार में मरीज के उपचार में विलंब न हो सके।
कोविड केयर सेंटर बनाने के लिए मसूरी के लंढौर कम्युनिटी अस्पताल की मांग भी की है। जिलाधिकारी को लिखे पत्र में पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता का कहना हैं कि बीते कुछ दिनों से मसूरी में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है और कोरोना संक्रमित इलाज के लिए यहां पर कोई अस्पताल तक नहीं है। जिससे मसूरी वासियों को काफी दिक्कत हो रही है। संक्रमण की रोकथाम के लिए नगर पालिका आर्थिक मदद करने का पूरा प्रयास करेगी। लंढौर कम्युनिटी अस्पताल को कोविड केयर सेंटर बनाने के लिए अस्पताल के प्रबंधक डॉ. जॉर्ज ने भी सहमति दे दी है। उपजिलाधिकारी मसूरी ने गुरुवार को लंढौर कम्युनिटी अस्पताल, सिविल अस्पताल और निरंकारी भवन परिसर का निरीक्षण भी किया जा चुका है।