रास्ते से बर्फ हटाने का काम फिर हुआ बाधित तापमान गिरने से बिगड़ रहे हैं हालात..
मंदिर के इर्द-गिर्द पांच से आठ फुट तक जमा है बर्फ..
रुद्रप्रयाग: केदारनाथ में मौसम कुछ ज्यादा ही रंग दिखा रहा है। यहां रिकार्डतोड़ बर्फबारी हो रही है। मंगलवार को धाम में लगभग दो से तीन फीट बर्फ पड़ी। आसमान में घने कोहरे के कारण विजिबिलिटी चार से पांच मीटर तक ही रही। ऐसे में रास्ते व मंदिर परिसर से बर्फ हटाने का काम फिर बाधित हो गया। केदारपुरी में 15 साल बाद ऐसी बर्फबारी देखने को मिली है। बद्रीनाथ में मौसम इसके उलट है। आने वाले दिनों में भी मौसम केदारधाम में इसी तरह रहा तो यात्रा व्यवस्थाएं प्रभावित हो सकती हैं।
केदारपुरी में दो दिन तक मौसम सुहावना रहने के बाद एक बार फिर प्रकृति अपने तेवर दिखाने लगी है। मौसम के आगे शासन- प्रशासन नतमस्तक है। मंगलवार को केदारपुरी में दोपहर बाद बर्फ गिरने लगी। लगातार बर्फ गिरने से तापमान शून्य से नीचे चला गया है। बर्फबारी ने एनआईएम, एसटीएफ (स्पेशल टॉस्क फोर्स), पुलिस व बद्रीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति की टीम की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। स्थिति यह है कि कर्मचारियों और मजदूरों को पतीले में बर्फ गलाकर पानी का इंतजाम करना पड़ रहा है।
धाम में बह रही मंदाकिनी और सरस्वती नदी से पानी लाना संभव नहीं है। मंदिर समिति और पुलिस के पास पिछले साल स्टोर की गई राशन और लकड़ी मौजूद है। इसी से वे गुजारा कर रहे हैं। एनआईएम ने अपने कर्मियों व मजदूरों को पर्याप्त राशन उपलब्ध कराई है। एनआईएम के मजदूरों ने बेस कैंप से एक किमी पीछे से हेलीपैड तक तीन से चार फुट चौड़ा रास्ता बना दिया था। मगर बर्फबारी के कारण फिर से खराब हो गई है। एनआईएम को मंदिर तक तीन से चार फुट चौड़ा रास्ता खोलना है। समिति ने मंदिर के समीप ही नंदी के आसपास की एक से दो मीटर तक बर्फ हटा दी थी। मगरफिर से बर्फ जमा हो गई है। मंदिर के चारों ओर पांच से आठ फुट बर्फ जमा है। काली कमली धर्मशाला बर्फ में ढक गई है।
केदारनाथ चौकी इंचार्ज बिपिन पाठक ने बताया कि बेस कैंप में प्री-फेब्रिकेटेड हट्स के छत के लेवल तक बर्फ जमी है। पुलिस की एसटीएफ टीम ने मंदाकिनी नदी पर बल्लियां डालकर अस्थायी पुल बना दिया है। मंगलवार को एसआई पाठक के नेतृत्व में पुलिसकर्मियों ने हेलीपैड का मुआयना किया। बर्फ के कारण पहले तो पुलिस दल को हेलीपैड का अंदाजा नहीं लग पाया। किसी तरह टीम हेलीपैड तक पहुंची। इस दौरान पुलिसकर्मियों के शरीर का आधा हिस्सा बर्फ में धंस गया।
केदारनाथ में हेलीकॉप्टर से जरूरी सामान की आपूत्तरि होनी है, इसलिए हेलीपैड से बर्फ हटाई जानी है। मगर केदारनाथ में मौसम साथ नहीं दे रहा है। कर्मचारियों को नए सिरे से बर्फ हटाने का काम करना पड़ रहा है। इससे काम की प्रगति धीमी हो गई है। मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह बताते हैं कि पिछले 15 साल बाद मंदिर के आसपास छह फीट बर्फ देखने को मिली है। इससे मंदिर परिसर से बर्फ हटाने का काम प्रभावित हो रहा है।