उत्तराखंड

असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है रामलीला: आशा

असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है रामलीला…
सुमाड़ी में आयोजित रामलीला में दिखाए गए कई दृश्य…
प्रसिद्ध लोक गायक नवीन सेमवाल ने बामणी गीत से दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध…

रुद्रप्रयाग। सुमाड़ी भरदार में रामलीला कमेटी की ओर से आयोजित रामलीला में कई दृश्यों का मंचन किया गया। सोमवार रात्रि को रामलीला में राम व जटायु संवाद, खर-दूषण वध, रावण दरबार, पंचवटी सीता हरण तथा जटायु वध के अंश प्रस्तुत किए। रामलीला देखने के लिए भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।

रामलीला में बतौर मुख्य अतिथि पहुंची सौंरा-जवाड़ी क्षेत्र की जिला पंचायत सदस्य श्रीमती आशा डिमरी ने कहा कि असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है रामलीला। इसमें जो भी दृश्य दिखाए जाते हैं उनका स्मरण हमेशा अपने जीवन पर जरूर करना चाहिए। अच्छी आदतों को जीवन में उतारकर बुरी आदतों का त्याग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर रावण माता सीता का हरण नहीं करता तो राम के हाथों नहीं मारा जाता, लेकिन वह अपने बल को लेकर ज्यादा ही उत्साहित था और खुद को भगवान समझने लगा था। ऐसे में अहंकारी रावण के घमंड को चकनाचूर करते हुए श्रीराम ने उसका वध किया। वहीं रामलीला में वनवास के समय दुष्ट रावण ने माता सीता का हरण कर ले गया। जब भगवान राम, लक्ष्मण और सीता चित्रकूट में अपनी कुटिया बनाकर रह रहे थे, तभी एक दिन रावण की बहन शूर्पणखा राम और लक्ष्मण को देखकर मोहित हो गई और उसने विवाह का प्रस्ताव रखा।

लेकिन बार-बार राम और लक्ष्मण के मना करने पर क्रोधित शूर्पणखा सीता पर प्रहार करने को दौड़ी। सजग लक्ष्मण ने उसका नाक और कान काट लिया। शूर्पणखा रोते हुए रावण के पास गई और रावण ने गुस्से में सीताहरण की योजना बनाते हुए मारीच राक्षस को स्वर्ण हिरण के रूप में भेजा। सीता के कहने पर राम हिरण पकड़ने जाते हैं, जैसे ही उस मायावी हिरण को भगवान राम बाण मारते हैं वह राम की आवाज में लक्ष्मण और सीता को पुकारता है। सीता लक्ष्मण को राम की मदद के लिए जाने को कहती है और लक्ष्मण रेखा खींच कर राम की सहायता के लिए चल देते हैं।

उसी समय साधु वेश में रावण आता है और सीता से लक्ष्मण रेखा से बाहर आकर भिक्षा देने को कहता है। सीता जैसे ही लक्ष्मण रेखा से बाहर आती है, वैसे ही रावण ने सीता का अपहरण कर लिया। सीता का अपहरण करने के बाद रावण की मुलाकात पक्षीराज जटायु से होती है और दोनों में भयंकर युद्ध होता है। अंत में पक्षीराज घायल होकर गिर जाते है। पुष्पक विमान से अपहरण कर ले जायी जाती हुए सीता वानरों को देखकर अपने गहने को धरती पर फेंकना शुरू करती है और अपना संदेश भगवान राम तक पहुंचाने का अनुरोध करती हैं। इस दौरान बामणी गीत से प्रसिद्ध हुए लोक कलाकार नवीन सेमवाल ने अपने बामणी गीत से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

इस मौके पर अंकुश सकलानी, लोक कलाकार कुलदीप कप्रवाण, बल्लू सहित रामलीला कमेटी के पदाधिकारी एवं सदस्य मौजूद थे।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top