उत्तराखंड

केदारनाथ विकास प्राधिकरण का तीर्थपुरोहितों ने जताया विरोध

रुद्रप्रयाग/गुप्तकाशी। केदारनाथ विकास प्राधिकरण के विरोध में तीर्थ पुरोहित समाज व स्थानीय जनता खुलकर सामने आई है। उन्होंने विरोध जताते हुए कहा कि स्थानीय जनता को बिना विश्वास में लिए केदारनाथ विकास प्राधिकरण (केडीए) का गठन किया जा रहा है। साथ ही कहा कि शासनादेश उनके खिलाफ हुआ तो 21 अगस्त को आमरण अनशन शुरू कर दिया जाएगा।

केदारनाथ में तीर्थपुरोहितों की आयोजित बैठक में वक्ताओं ने कहा कि केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों, व्यापारियों एवं स्थानीय लोगों को बिना विश्वास में लिए सरकार ने केदारनाथ विकास प्राधिकरण का गठन कर दिया है। इसका सभी स्थानीय लोग पूर्व से ही विरोध करते आ रहे हैं। गत 28 जुलाई को डीएम के प्रतिनिधि के रूप में एसडीएम ऊखीमठ ने प्राधिकरण लागू न करने का मौखिक आश्वासन पर आंदोलन को समाप्त किया गया था, लेकिन 16 अगस्त को आयुक्त गढ़वाल मंडल दिलीप जावलकर और डीएम मंगेश घिल्डियाल ने केदार सभा को अवगत कराया कि केदारनाथ विकास प्राधिकरण का शासनादेश रुद्रप्रयाग पहुंच गया है।

स्थानीय सरकार से मांग करती है कि 20 अगस्त तक शासनादेश की प्रति तीर्थ पुरोहितों को उपलब्ध कराई जाए, और यदि शासनादेश उनके हित में नहीं हुआ तो वे 21 अगस्त से आमरण अनशन करेंगे। बैठक में केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, महामंत्री कुबेरनाथ पोस्ती, राहुल सेमवाल, उमेश पोस्ती, आनंद सेमवाल, प्रवीन तिवारी, रूपनारायण शुक्ला, दीनानाथ बाजपेई समेत तीर्थ पुरोहित व स्थानीय लोग उपस्थित थे।

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