उत्तराखंड

गर्भवती महिला की मौत के मामले में उच्च स्तरीय जाँच की मांग

गर्भवती महिला की मौत के मामले में उच्च स्तरीय जाँच की मांग , जन अधिकार मंच ने की डीएम से मुलाकात
डीएम ने कहा, शासन को भेजी जाएगी संस्तुति , जल्द जाँच पूरी न होने पर मंच ने दी आंदोलन की चेतावनी

रुद्रप्रयाग। जिला चिकित्सालय में प्रसूता आशा देवी की मौत के मामले में उच्च स्तरीय जाँच की माँग को लेकर जन अधिकार मंच ने जिलाधिकारी से मुलाक़ात की। मंच ने जिलाधिकारी से कहा कि इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जाँच के लिए शासन को संस्तुति भेजी जाये। साथ ही किसी वरिष्ठ न्यायाधीश से प्रकरण की न्यायिक जाँच कराई जाए।

मंच के सदस्यों ने जिलाधिकारी से कहा कि मजिस्ट्रेटी जाँच और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पत्रकारों को दिए बयान में यह स्पष्ट हो गया था कि वरिष्ठ महिला चिकित्साधिकारी की गम्भीर लापरवाही से गर्भवती महिला और उसके नवजात शिशु की मौत हुई थी। मेडिकल बोर्ड ने जाँच के नाम पर खानापूर्ति करते हुए महिला चिकित्साधिकारी को क्लीन चिट दे दी। मेडिकल बोर्ड की जाँच संदेहास्पद है। जिस अस्पताल की महिला डॉक्टर की लापरवाही से गर्भवती की मौत हुई, उसी अस्पताल के डॉक्टर मेडिकल बोर्ड में शामिल थे। समझा जा सकता है कि जाँच बोर्ड आख़िर क्यूँ अपने ही अस्पताल के कर्मचारी के खिलाफ रिपोर्ट देता।

मंच ने यह भी कहा कि शीघ्र इस मामले में उच्च स्तरीय जांच नहीं होती है तो जन अधिकार मंच जिला चिकित्सालय में धरना-प्रदर्शन को मजबूर होगा। इस पर जिलाधिकारी ने मंच को आश्वस्त किया कि शासन को जांच की संस्तुति की जा रही है। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार और मंच के सदस्य रमेश पहाड़ी, वरिष्ठ एडवोकेट केपी ढोंडियाल, मंच के महामंत्री अशोक चैधरी, कोषाध्यक्ष बुद्धिबल्लभ ममगाई, एडवोकेट प्यार सिंह नेगी, केशव नौटियाल, कुलदीप राणा, अशोक बुटोला, तरुण पंवार, मंगल सिंह समेत अन्य सदस्य मौजूद थे।

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