उत्तराखंड

कमसाल गांव के प्रवेन्द्र कुमार ने किया एवरेस्ट फतह

प्रवेन्द्र 12वीं गढ़वाल राइफल में है तैनात
एवरेस्ट फतह करने वाले दूसरे सदस्य हैं प्रवेन्द्र
अगस्त्यमुनि।
अगस्त्यमुनि ब्लाॅक के कमसाल गांव के प्रवेन्द्र कुमार ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट को फतह कर जनपद का नाम रोशन किया है। वे यह कारनामा करने वाले जनपद रुद्रप्रयाग के दूसरे व्यक्ति हैं। इससे पूर्व एनसीसी केडेट नूतन वशिष्ठ यह कारनामा कर चुकी हैं। प्रवेन्द्र ने 19 मई को प्रातः सात बजे अपने आठ साथियों के साथ एवरेस्ट पर विजय पाई।

कमसाल गांव के प्रवेन्द्र कुमार 12वीं गढ़वाल राइफल के सदस्य हैं। जो कि वर्तमान में नेशनल इन्सीट्यूट आॅफ माउण्ट्रेनिंग एलाइड स्पोटर््स (निमास) अरूणाचल प्रदेश में सेवारत हैं। नायक प्रवेन्द्र कुमार 2002 में भारतीय सेना के गढ़वाल राइफल में शामिल हुए। आठ साल तक सेना में सेवा करने के बाद उनको माउण्ट्रेनिंग कोर्स करने का मौका मिला और साथ ही हाई एलटीट्यूड वारफेयर स्कूल में सेवा करने का अवसर मिला और यही से उनकी माउण्ट्रेनिंग की शुरूआत हुई। एवरेस्ट को फतह करने से पूर्व वे 2017 में त्रिशूल पर्वत शिखर को भी फतह कर चुके है। इससे पूर्व 2015 में भी उन्होंने एवरेस्ट को फतह करने की कोशिश की थी। लेकिन उस समय नेपाल में आये भयंकर भूकम्प से उन्हें बेस कैम्प से ही वापस होना पड़ा था। उसके बाद छोटे छोटे कई पर्वत शिक्षरों पर रोहण चलता रहा। लेकिन उनका सपना था कि वे एवरेस्ट पार तिरंगा फहरायें। वर्ष 2018 में एक बार फिर से उन्हें यह मौका मिला जब उन्हें इण्डिया निमास एवरेस्ट रोहण का सदस्य बनने का अवसर मिला और आखिर निमास के निदेशक कर्नल सरफराज सिंह के नेतृत्व में आठ सदस्यीय टीम ने 19 मई को प्रातः सात बजे एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने में सफलता हासिल की। प्रवेन्द्र ने एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से उठकर अपने संघर्षों से यह मुकाम हासिल किया है। प्रमेन्द्र के पिता गांव के साधारण किसान है तथा उनकी माता साधारण गृहणी है। उनकी इस सफलता पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उन्हें बधाई देते हुए खुशी जाहिर की है। बधाई देने वालों में केदारनाथ विधायक मनोज रावत, पूर्व विधायक शैलारानी रावत आशा नौटियाल, नगर पंचायत अगस्त्यमुनि के पूर्व अध्यक्ष अशोक खत्री, जिपंस सुलोचना देवी, पूर्व सदसय अवतार राणा, प्रधान संगठन के पूर्व अध्यक्ष विक्रम नेगी, क्षेपंस शिशुपाल कण्डारी, माधुरी नेगी सहित कई थे।

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