यात्रियों को बारिश से बचाने के लिए कंपनी ने उपलब्ध कराए थे छाते
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा के समय यात्रियों को बारिश में भीगने से बचाने के लिए एक कंपनी द्वारा दिए गए छाते गायब हो गए हैं। जिलाधिकारी खुद स्वीकार कर रहे हैं कि एक हजार छाते नहीं मिल रहे हैं।
दरअसल, बीते वर्ष यात्रियों के लिए टीआईडीसी इण्डिया कम्पनी की ओर से 26 सौ छाते प्रशासन को उपलब्ध कराए गए थे। इन छातों का उपयोग केदारनाथ धाम में दर्शन के लिए लाइन में खड़े श्रद्धालुओं के लिए होना था और विभिन्न पड़ावों पर बारिश होने पर श्रद्धालुओं को छाते उपलब्ध कराए जाने थे। पिछले वर्ष तो छाते दिखाई दिए, लेकिन इस वर्ष छाते गायब हो गए हैं। ऐसे में बारिश होने पर यात्रियों को छाते नहीं मिल पा रहे हैं। यात्रियों को बारिश में भीगकर ही यात्रा करनी पड़ रही है।
हालांकि जिला प्रशासन 15 सौ छाते उपलब्ध होने की बात कह रहा है, लेकिन हकीकत में इतने छाते नहीं है। बताया जा रहा है कि अधिकतर कर्मचारी छाते अपने घर ले गए हैं। तीर्थपुरोहित श्रीनिवास पोस्ती का कहना है कि छाते यात्रियों के लिए दिए गए थे, लेकिन इनका उपयोग यात्री करते हुए नहीं दिखाई दे रहे हैं। छाते गायब होना बड़ी लापरवाही है। कोई संस्था या कंपनी यात्रियों की सुविधा के लिए उपलब्ध कराने वाले संसाधनों का बेजा इस्तेमाल किया जाता है। कर्मचारी अपनी मनमानी कर रहे हैं। केदारनाथ में बारिश के समय यात्रियों को भीगते हुए ही लाइन में खड़ा रहना पड़ता है। उन्हें छाते नहीं दिए जा रहे हैं। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल खुद स्वीकार रहे हैं कि कंपनी से मिले 26 सौ छातों में से ब 15 सौ ही छाते हैं, जिनका उपयोग किया जा रहा है। जिन कर्मचारियों को छाते सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी दी गई थी, उनसे जवाब-तलब किया जाएगा।