बर्फबारी के बीच 18 किमी पैदल डंडी के सहारे महिला को पहुंचाया अस्पताल..
उत्तराखंड: चमोली जिले में बीमार व्यक्तियों को डंडी-कंडी के सहारे अस्पताल पहुंचाए जाने की तस्वीर आए दिन सामने आती रही हैं। इस बार डुमक गांव से ऐसी ही एक खबर आई है। बर्फबारी के बीच गांव से बीमार महिला को 18 किमी पैदल चलकर अस्पताल लाने में ग्रामीणों को खासी मशक्कत करनी पड़ी। इस घटना ने ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की सरकारी सिस्टम की पोल फिर खोल दी है।
डुमक की विनीता देवी (23 साल) पत्नी दिनेश सनवाल की बीती रात को तबीयत बिगड़ गई। गांव के आसपास स्वास्थ्य सुविधा न होने और सड़क के अभाव में ग्रामीणों ने कुर्सी को लकड़ी के डंडों से बांधकर डंडी तैयार की और महिला को अस्पताल ले जाने लगे, लेकिन सुबह से बारिश के कारण रास्ते में कई जगह पर जोरदार बर्फबारी भी हो रही थी।
ऐसे में उन्हें कई जगहों पर रुकना भी पड़ा। करीब 18 किमी पैदल चलकर ग्रामीणों ने महिला को स्यूणा बैमरु गांव तक पहुंचाया। गांव के पैदल रास्ते पर पड़ने वाली रुद्रगंगा में भी पुल नहीं बनाया गया है, जिसे ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर पार करना पड़ता है।
वर्ष 2007 से नहीं बनी सड़क..
बीमार महिला को नदी पार कराने में ग्रामीणों को खासी मशक्कत करनी पड़ी। इसके बाद वाहन के जरिए महिला को पीपलकोटी स्थित अस्पताल लेकर आए। यहां महिला का उपचार चल रहा है। डा. इलंगो ने बताया कि महिला के सिर और पेट में दर्द हो रहा था। जांच के बाद पता चला कि महिला को निमोनिया है। प्राथमिक उपचार के बाद उसका स्वास्थ्य सामान्य है।
ग्रामीण यशवंत सिंह ने बताया कि डुमक गांव के लिए साल 2007 से गोपेश्वर के पास कुजौं मैकोट से सड़क स्वीकृत है। तब से सड़क पर काम चल रहा है, लेकिन अभी तक यह सड़क गांव के पास भी नहीं पहुंच पाई है। ग्रामीणों के लिए 18 किमी पैदल चलना रोज की बात है, लेकिन किसी के बीमार होने पर परेशानी और बढ़ जाती है।