उत्तराखंड

पंडित दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे योजना सब्सिडी बंद करने की तैयारी..

पंडित दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे योजना सब्सिडी बंद करने की तैयारी..

होम स्टे योजना में बदलाव करने की तैयारी कर रही सरकार..

 

 

 

 

 

 

 

शहरी क्षेत्रों के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे योजना सब्सिडी बंद हो सकती है। पहाड़ों से पलायन रोकने और स्वरोजगार के लिए शुरू की गई पंडित दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे योजना में इसके लिए शासन स्तर पर योजना में संशोधन की कवायद चल रही है।

 

उत्तराखंड: शहरी क्षेत्रों के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे योजना सब्सिडी बंद हो सकती है। पहाड़ों से पलायन रोकने और स्वरोजगार के लिए शुरू की गई पंडित दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे योजना में इसके लिए शासन स्तर पर योजना में संशोधन की कवायद चल रही है। सरकार की ओर से मैदानी व पर्वतीय क्षेत्रों में होम स्टे संचालित करने के लिए सब्सिडी दी जाती है। शहरों में पर्यटकों को ठहरने के लिए पर्याप्त सुविधाएं होने से सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में ही होम स्टे को बढ़ावा देगी।

 

आपको बता दे कि त्रिवेंद्र सरकार के समय में पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने और युवाओं को पर्यटन क्षेत्र में स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए होम स्टे योजना की शुरूआत की थी। अब तक इस योजना के तहत 3964 होम स्टे पंजीकरण हो चुके हैं। इस योजना का जो मकसद हैं वो देश दुनिया से आने वाले पर्यटकों को ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के साथ स्थानीय लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध कराना है।

 

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सरकार की ओर से होम स्टे के लिए सब्सिडी दी जा रही है। इसके लिए उत्तराखंड होटल एसोसिएशन ने भी सरकार को सुझाव दिया था कि शहरी क्षेत्रों के बजाय पर्वतीय क्षेत्रों में होम स्टे को ज्यादा बढ़ावा दिया जाए। एसोसिएशन का कहना हैं कि शहरी क्षेत्रों में पर्यटकों के ठहरने के लिए सुविधाएं है। पहाड़ों में पलायन रोकने और स्वरोजगार के लिए होम स्टे की सब्सिडी को दोगुना किया जाना चाहिए। इससे पर्यटकों को ग्रामीण क्षेत्रों में ठहरने की पर्याप्त सुविधा मिल सकेगी। अब सरकार शहरी क्षेत्रों में योजना में दी जाने वाली सब्सिडी को बंद की तैयारी कर रही है।

बता दे कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय होम स्टे योजना के तहत सरकार की ओर से मैदानी क्षेत्रों में होम स्टे के लिए 25 प्रतिशत या अधिकतम 7.50 लाख रुपये और पर्वतीय क्षेत्रों में 50 प्रतिशत अधिकतम 15 लाख रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। इसके साथ ही पांच साल तक ब्याज दर में मैदानी क्षेत्रों में एक लाख रुपये और पर्वतीय क्षेत्रों में 1.50 रुपये दिए जा रहे हैं। पिछले चाल साल के भीतर प्रदेश में योजना के तहत 3964 होम स्टे का पंजीकरण किया गया।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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