बिग ब्रेकिंग- अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से तबाही, 16 लोगों की मौत, कई लोग अभी भी लापता..
अमरनाथ से 15,000 लोगों को निकाला गया-ITBP
जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना में कई लोगों के मरने की खबर है। एनडीआरएफ के अनुसार 16 लोगों की मौत हुई है। शाम करीब साढ़े पांच बजे गुफा के पास बादल फटा,
देश-विदेश: लगातार हो रही बारिश से जगह जगह भूस्खलन के साथ बादल फटने की खबर भी सामने आ रही हैं। जम्मू कश्मीर से भी ऐसी ही एक खबर सामने आयी हैं। जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना में कई लोगों के मरने की खबर है। एनडीआरएफ के अनुसार 16 लोगों की मौत हुई है। शाम करीब साढ़े पांच बजे गुफा के पास बादल फटा, जिसके बाद सैलाब में कुछ टेंट बह गए। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। आईटीबीपी की टीम भी राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई है। बादल फटने से प्रभावित क्षेत्र में यात्रियों की सहायता के लिए सेना के हेलीकॉप्टरों सहित 6 बचाव दल राहत कार्य में जुटे हुए हैं।
अमरनाथ गुफा के निचले इलाकों में बचाव अभियान जारी है। घायलों को बचाने के लिए हेलिकॉप्टर रवाना किया गया है। लापता लोगों की तलाश में बचाव दल जुटे हुए हैं। NDRF के डीजी अतुल करवाल ने कहा, “हमारी 1 टीम गुफा के पास तैनात रहती है, वो टीम तत्काल बचाव कार्य में जुट गई थीं। 2 टीम पास में हैं जिसमें से 1 वहां पहुंच कर काम पर लग गई है,1 टीम शामिल होने वाली है। वहां मौजूद हमारे लोगों के अनुसार16 लोगों के मौत की खबर है और 3 को वहां से जीवित निकाला गया है।
आईजीपी कश्मीर विजय कुमार का कहना हैं कि बादल फटने के बाद कुछ लंगर और तंबू सैलाब की चपेट में आ गए हैं। पुलिस, एनडीआरएफ और एसएफ द्वारा बचाव अभियान जारी है। घायलों को इलाज के लिए एयरलिफ्ट किया जा रहा है। वहीं, ITBP के पीआरओ विवेक कुमार का कहना हैं कि काफी लोगों को वहां से निकाला गया है, कई लोगों को बचाया भी गया है। अभी स्थिति को देखते हुए यात्रा रोकने का निर्णय लिया गया है। बता दे कि अमरनाथ पवित्र गुफा क्षेत्र के पास फंसे अधिकांश तीर्थयात्रियों को पंजतरणी में स्थानांतरित किया गया है।
करीब 15,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। बादल फटने से प्रभावित क्षेत्र में भारतीय सेना का बचाव अभियान जारी है। लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के साथ ही सेना के जवान तीर्थयात्रियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था में भी जुटे हैं।अमरनाथ गुफा के पास पिछले 12 वर्षों में तीन बार अमरनाथ यात्रा के दौरान बादल फटने की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन कभी भी इतनी तबाही नहीं हुई। ऐसा पहली बार हुआ है कि बादल फटने से इतने लोगों की जान चली गई और अब भी कई लापता हैं।