हिलांस मेले में उत्पादों को विपणन का मिलेगा प्लेटफार्म: मंगेश
19 व 20 फरवरी को अगस्त्यमुनि में होगा मेले का आयोजन…
मेले में होटल व्यवसायियों को भी किया आमंत्रित….
रुद्रप्रयाग। स्थानीय उत्पादों का बाजारीकरण एवं प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से जनपद में एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना के सौजन्य से अगस्त्यमुनि क्रीडा मैदान में 19 से 20 फरवरी तक दो दिवसीय हिलांस मेले का आयोजन किया जा रहा है।
हिलांस मेले की बैठक को लेकर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि हिलांस मेले में जनपद के किसानों के जुडने से स्थानीय उत्पादों को विपणन का एक अच्छा प्लेटफार्म मिलेगा। इसकेे लिए जिले के पंजीकृत 282 होटल व्यवसायियों को मेले में आमंत्रित किया जा रहा है, जिससे स्थानीय उत्पादों की क्रेता-विक्रेता मीट यात्रा से पूर्व हो और पहाड़ी व्यजंन व पहाड़ी संस्कृति को यात्री जान सके। मेले में एक ओर जहां समस्त विकास विभाग द्वारा स्टाॅलों के माध्यम से जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी आमजनमानस तक दी जाएगी!
वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेले में अटल आयुष्मान योजना के गोल्डन कार्ड बनवाए जायेंगें। कृषि विभाग द्वारा पीएम किसान के फार्म भरे जायेंगें व अन्य सुविधाएं लोगों को मेले के माध्यम से दी जायेंगी। जनपद के समस्त गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा भी अपने उत्पादों के स्टाॅल लगाये जायेंगे।
बैठक में प्रभागीय आजीविका परियोजना प्रबंधक ने मोहम्मद आरिफ खान बताया कि आगामी केदारनाथ यात्रा के लिए रणनीति तैयार कर ली गई है, जिसका हिलांस मेले के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इस वर्ष हिलांस आर्गेनिक भोजनालय, स्थानीय उत्पाद के हेली सेवा व होटलों में आउटलेट खोले जायेंगे। रिंगाल के छोटे ज्वैलरी बाॅक्स, पैन स्टैण्ड, फूलदान आदि का निर्माण करवाया जा रहा है, जिनको हिलांस रेस्तरां मे विपणन के लिए रखा जाएगा।
पर्यटकों के लिए आमकोटी जखोली, गिंवाडी व काकडागाड़ अगस्त्यमुनि में स्थानीय परिधान व महिलाओं के लिए बनावटी ज्वैलरी रखे जायेंगे जिसका उपयोग पर्यटकों द्वारा फोटो लेने के लिए किया जाएगा। इस वर्ष से केदारनाथ में प्राकृतिक फूलों को ही मंदिर में अर्पित किया जाएगा। जिसके लिए गांव से बीज डिमांड तैयार कर दी गई हैं। दो दिन के भीतर बीजों की डिमांड को उद्यान विभाग को प्रेषित कर दिया जाएगा।
फूलों के सम्बन्ध मंे डीएचओ ने बताया कि बीज लगाने के पश्चात फूल दो माह में तैयार हो जायेंगे। इस अवसर पर सीडीओ एनएस रावत, डीएफओ मंयक झा, डीडीओ एएस गंुज्याल, डिप्टी सीवीओ डाॅ अशोक कुमार, सीएओ एस एस वर्मा, डीएचओ योगेन्द्र सिंह, निदेशक आरसेटी दिनेश चन्द्र नेगी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।