उत्तराखंड

भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच को लेकर मोहित डिमरी की भूख हड़ताल शुरू..

भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच को लेकर मोहित डिमरी की भूख हड़ताल शुरू

उत्तराखंड की महिलाओं को 30 प्रतिशत और आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने की भी मांग..

अग्निवीर भर्ती स्कीम को रद्द कर पुरानी भर्ती स्कीम लागू की जाय..

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड में हुए भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने जिलाधिकारी कार्यालय पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के युवाओं और महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए अंतिम सांस तक लड़ता रहूंगा।
जिलाधिकारी कार्यालय में आमरण-अनशन शुरू करने से पूर्व आंदोलनकारी मोहित डिमरी ने इंद्रमणि बडोनी, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली और श्रीदेव सुमन को याद करते हुए पुष्पांजलि दी।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में लगातार भर्ती घोटाले हो रहे हैं, लेकिन अभी तक घोटालों के असल खिलाड़ी गिरफ्त से बाहर हैं। प्रदेश के युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है और नेताओं के रिश्तेदारों के साथ ही चहेतों को नौकरियां मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच होनी चाहिए, तभी बड़े मगरमच्छ पकड़ में आयेंगे। उत्तराखंड सरकार की जांच एजेंसियों पर हमें भरोसा नहीं है। वहीं अग्निवीर भर्ती स्कीम से सेना में नौकरी के इच्छुक युवाओं को निराशा हाथ लगी है।

पूर्व की भांति आर्मी भर्ती परीक्षा आयोजित की जाए। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने उत्तराखंड की महिलाओं को नौकरी में मिलने वाला 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण खत्म कर दिया है। उत्तराखंड की महिलाओं के हितों की रक्षा करते हुए इस मामले में सरकार को जल्द अध्यादेश लाकर इसे असम राज्य की तर्ज पर कानूनी जामा पहनाना चाहिए। साथ ही सरकार को राज्य आंदोलनकारियों का 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण बहाल करना चाहिए।

उक्रांद के जिलाध्यक्ष बलवीर चौधरी, कार्यकारी जिलाध्यक्ष बुद्धिबल्लभ ममगाई, वरिष्ठ उपाध्यक्ष भगत चौहान , केंद्रीय सचिव कल्याण सिंह पुंडीर, संगठन सचिव जितार जगवाण, केंद्रीय प्रवक्ता देवेंद्र चमोली, महामंत्री अशोक चौधरी, ब्लॉक अध्यक्ष कमल रावत, ब्लॉक उपाध्यक्ष मंगत खत्री, पूर्व युवा जिलाध्यक्ष दिनेश बर्त्वाल, हिमांशु चौहान, अंकुश रावत, रजनीश ने कहा कि उत्तराखंड में लगातार भर्ती घोटाले सामने आने से बेरोजगार युवा आक्रोश में हैं।

 

युवा हरेक भर्ती की सीबीआई जांच चाहते हैं, लेकिन उत्तराखंड सरकार इस मामले में पैरवी करती दिखाई नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आउटसोर्सिंग एजेंसी बंद होनी चाहिए। इसमें भी नौकरी के नाम पर बहुत घोटाले हो रहे हैं।

 

 

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