उत्तराखंड

छः माह से पांव के दर्द से परेशान है 13 वर्षीय मीनाक्षी

रोहित डिमरी
बीपीएल परिवार से होने के कारण नहीं हो पा रहा सही से इलाज
पांव में दर्द होने के कारण लचक-लचक कर आती है स्कूल
रुद्रप्रयाग। पढ़ने में होशियार और खेलकूद में अब्बल रहने वाली 13 वर्षीय मीनाक्षी आज सही से चल भी नहीं पा रही है। छः माह पूर्व पांव में दर्द होने पर परिजनों ने उसका इलाज जिला चिकित्सालय से लेकर देहरादून में महंगे से महंगे अस्पताल में करवाया, लेकिन उसकी हालत आज तक ठीक नहीं हो पाई है। बीपीएल परिवार से होने के कारण परिजनों के सामने अब महंगे दामों पर इलाज कराना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में गरीब मीनाक्षी को मदद की दरकरार है।
हमेशा से अपने परिवार, गुरूजनों व दोस्तों के साथ हंसी-खुशी जीवन काटने वाली मीनाक्षी को मालूम नहीं था कि वह इस बीमारी का शिकार होगी। राइंका रुद्रप्रयाग में कक्षा आठवीं में पढ़ाई कर रही मीनाक्षी के अचानक से बायें पैर पर दर्द हुआ तो परिजनों को यही लगा कि यह मामूली बीमारी होगी, जिसका समाधान जल्द ही हो जायेगा। चिकित्सकों ने भी मीनाक्षी के परिजनों को भरोसा दिलाया कि दवाईयां खाने के बाद उसकी बीमारी खत्म हो जायेगी, मगर ऐसा नहीं हुआ। छः माह का समय बीत गया है और मीनाक्षी ठीक नहीं हो पाई है। बीमारी के इलाज के लिए मीनाक्षी के पिता राकेश काला उसे लेकर श्रीनगर से लेकर देहरादून के अस्पतालों में भी पहुंचे और सभी चिकित्सकों ने यही कहा कि दवाई लेने के बाद समस्या खत्म हो जायेगी, लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ। पीड़ित मीनाक्षी लचक-लचक के स्कूल और घर पहुंचती है। उसे उम्मीद है कि उसका पांव जल्द ही ठीक हो जायेगा। गरीब परिवार से होने के कारण विद्यालय के अध्यापकों ने भी दवार्दयों के लिए उसके परिवार की मदद की, लेकिन लम्बे समय तक मदद करना कहां तक मुमकिन होगा। अब परिवार के सामने दवाईयों के लिए पैंसो की भारी कमी है। पीड़ित मीनाक्षी का कहना है कि उसके पांव में छः माह से दर्द हो रहा है और उसकी इस परेशानी के इलाज के लिए परिजन जिले से लेकर श्रीनगर, देहरादून तक इलाज करवा चुके हैं, लेकिन फिर भी पांव का दर्द ठीक नहीं हो रहा है। दर्द बढ़ता ही जा रहा है और कोई दवा जैसे काम नहीं है।

विद्यालय के अध्यापक विनोद भट्ट ने कहा कि मीनाक्षी पढ़ने-लिखने में होनहार है। साथ ही खेलकूद में भी आगे है। उसके इस दर्द ने उसे काफी परेशान कर दिया है। कुछ मदद स्कूल प्रबंधन की ओर से भी की गई। गरीब परिवार से होने के कारण परिजन भी बड़े अस्पताल में इलाज नहीं करवा पा रहे हैं। यदि मीनाक्षी का किसी बड़े अस्पताल में इलाज करवाय जाय तो समस्या खत्म हो सकती है। इधर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि छात्रा मीनाक्षी की परेशानी को देखते हुए उसका सही से इलाज करवाया जायेगा। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य मिशन के तहत छात्रों के इलाज का प्राविधान है, इसमें परिजनों के आने-जाने से लेकर इलाज का खर्चा निर्वहन किया जायेगा।

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