देश/ विदेश

 मनीष सिसोदिया ने बताई वजह शराब पर ,दिल्ली सरकार ने क्यों पीछे लिए कदम..

 मनीष सिसोदिया ने बताई वजह शराब पर ,दिल्ली सरकार ने क्यों पीछे लिए कदम..

 

देश – विदेश  : अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने अपनी नई आबकारी नीति को वापस लेते हुए शराब बिक्री की पुरानी व्यवस्था फिर से लागू करने का फैसला किया है और 1 अगस्त से केवल सरकार द्वारा संचालित दुकानों के माध्यम से ही शराब बेचने का निर्देश दिया है।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को बताया कि दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति को फिलहाल वापस लेने का फैसला किया है और अब शराब की बिक्री केवल सरकारी दुकानों से करने का निर्देश दिया गया है। सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है कि शराब अब केवल सरकारी दुकानों के माध्यम से बेची जाए और कोई अराजकता न हो।

सरकार के इस फैसले के चलते दिल्ली में चल रहीं 468 निजी शराब की दुकानें 1 अगस्त से उनके लाइसेंस की अवधि खत्म होने के चलते बंद हो जाएंगी। नई आबकारी नीति के तहत की अवधि को 30 अप्रैल के बाद दो बार दो-दो महीने के लिए बढ़ाया गया था। यह अवधि 31 जुलाई को समाप्त होगी।

नई आबकारी नीति में पारदर्शी तरीके से जारी किए लाइसेंस..

सिसोदिया ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पुरानी आबकारी नीति में कई सरकारी शराब की दुकानें थीं और ऐसी दुकानों में भारी भ्रष्टाचार हुआ करता था, लेकिन नई आबकारी नीति के साथ इसे रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि नई आबकारी नीति में खुली निविदाओं के माध्यम से पारदर्शी तरीके से लाइसेंस जारी किए गए हैं। सिसोदिया ने कहा कि पुरानी व्यवस्था में सरकार को 6,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता था, जबकि नई आबकारी नीति से सरकार को पूरे वर्ष में 9,500 करोड़ रुपये का राजस्व मिलना तय था।

भाजपा पर सीबीआई और ईडी के माध्यम से लाइसेंसधारियों और आबकारी अधिकारियों को धमकाने का आरोप लगाते हुए सिसोदिया ने दावा किया कि 850 शराब की दुकानों में से केवल 468 ही खुल सकीं, क्योंकि कई को दुकान मालिकों ने भाजपा की धमकी के बाद बंद कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह की धमकियों के बाद अधिकतर दुकान मालिक दुकानें बंद करना चाहते हैं।

दिल्ली में 22,707 लोगों के लिए एक शराब की दुकान..

सिसोदिया ने कहा कि वो (भाजपा) कानूनी मात्रा में शराब की बिक्री को कम करना चाहते हैं। गुजरात की तरह, वो दिल्ली के दुकान-मालिकों, अधिकारियों को धमकाकर नकली, ऑफ-ड्यूटी शराब की बिक्री को बढ़ावा देना चाहते हैं। दिल्ली के साथ भाजपा शासित राज्यों में शराब की दुकानों की संख्या की तुलना करते हुए सिसोदिया ने कहा कि हरियाणा के गुरुग्राम में प्रति 466 लोगों पर एक शराब की दुकान खोली जाती है, जबकि गोवा में यह अनुपात 761 लोगों का है और नोएडा में, प्रति 1,390 लोगों पर एक शराब की दुकान खोली जाती है। सिसोदिया ने कहा कि वर्तमान में दिल्ली में 22,707 लोगों के लिए एक शराब की दुकान है।

शराब दुकानदारों को दी जा रही थीं धमकियां..

आबकारी विभाग का दायित्व संभाल रहे सिसोदिया ने नई आबकारी नीति को वापस लेने का ऐलान करने के बाद भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वे गुजरात में अवैध शराब का कारोबार चला रहे हैं और वे इसे दिल्ली में भी करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल शराब लाइसेंसधारियों को धमकाने के लिए कर रही है, जिनमें से कई ने अब दुकानें बंद कर दी हैं और आबकारी अधिकारी जो खुदरा लाइसेंस की खुली नीलामी शुरू करने से डरते हैं। सिसोदिया ने कहा कि वे शराब की कमी पैदा करना चाहते हैं ताकि वे दिल्ली में अवैध शराब का व्यापार कर सकें जैसे वे गुजरात में कर रहे हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।

उन्होंने दावा किया कि अगर दिल्ली में शराब की कानूनी बिक्री बंद कर दी जाती है तो यह गुजरात की तर्ज पर ‘हूच त्रासदी’ का गवाह बन सकता है।

गौरतलब है कि, 25 जुलाई को जहरीली शराब पीने से गुजरात के बोटाद और पड़ोसी अहमदाबाद जिले के 42 लोगों की मौत हो गई, जबकि 97 लोग भावनगर, बोटाद और अहमदाबाद के अस्पतालों में भर्ती हैं।

 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top