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महाराष्ट्र एटीएस ने दाऊद इब्राहिम के सहयोगी परवेज को किया गिरफ्तार..

महाराष्ट्र एटीएस ने दाऊद इब्राहिम के सहयोगी परवेज को किया गिरफ्तार..

महाराष्ट्र एटीएस ने दाऊद इब्राहिम के सहयोगी परवेज को किया गिरफ्तार..

 

देश – विदेश  :  एटीएस ने कथित आतंकवादी वित्तपोषण मामले में परवेज जुबैर नाम के संदिग्ध को गिरफ्तार है। उसे यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि जुबैर दाउद इब्राहिम के लिए टेरर फंडिंग करता था। इतना ही नहीं वह दाऊद के छोटे भाई अनीस इब्राहिम के संपर्क में था।

कथित आतंकवादी वित्तपोषण मामले में भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के एक सहयोगी को गिरफ्तार किया गया है। एक अधिकारी ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ये कार्रवाई महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने की है।

दाउद का सहयोगी गिरफ्तार..

एटीएस ने कथित आतंकवादी वित्तपोषण मामले में परवेज जुबैर नाम के संदिग्ध को गिरफ्तार है। उसे यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि जुबैर दाउद इब्राहिम के लिए टेरर फंडिंग करता था। इतना ही नहीं वह दाऊद के छोटे भाई अनीस इब्राहिम के संपर्क में था। एटीएस ने बताया कि वह लंबे समय से फरार चल रहा था। एटीएस अधिकारी ने बताया कि परवेज जुबैर वैद मेमन (47) को एटीएस की कालाचौकी इकाई के अधिकारियों ने उपनगरीय वर्सोवा स्थित उसके घर से बुधवार को गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि मेमन अनीस के साथ “राष्ट्र विरोधी गतिविधियों” में शामिल था।

दर्ज की गई एफआईआर..

एटीएस ने मंगलवार को एफआईआर दर्ज की थी। इसमें दाऊद के छोटे भाई अनीस इब्राहिम और एक अन्य भगोड़े का नाम शामिल किया है। एटीएस के अधिकारी ने बताया कि अनीस इब्राहिम और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 121 (ए) (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना) और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 17,18 के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई थी। एफआईआर के आधार पर जब जांच की गई तो मामले में परवेज जुबैर की संलिप्तता भी सामने आई। इसके बाद उसे गिरफ्तार करके पूछताछ की गई। कथित तौर पर पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि वह एमडीएमए, केटामाइन और एलएसडी जैसी दवाओं की तस्करी में शामिल था।

एटीएस अधिकारी ने कहा कि उसने यह भी बताया कि मादक पदार्थों की तस्करी और अन्य अवैध व्यवसायों से कमाए गए धन को आतंकवादी गतिविधियों के लिए प्रतिबंधित संगठनों में भेजा जाता था। एटीएस अधिकारियों ने यह भी बताया कि जबरन वसूली और अन्य गंभीर अपराधों में वांछित मेमन भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बचने के लिए कुछ समय के लिए दुबई में भी रहा था।

 

 

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