कंगना रनौत अपने टूटे दफ्तर का मुआयना करने पहुंचीं, बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई 22 तक टली..
देश-विदेश : मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने बुधवार को बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत का दफ्तर तोड़ दिया। बीएमसी ने उनके कार्यालय में 14 उल्लंघन बताए हैं। जिसमें रसोई के लिए चिन्हित स्थान पर शौचालय बनाना और शौचालय के लिए चिन्हित जगह पर दफ्तर सेटअप करना शामिल है। वहीं अभिनेत्री को बुधवार को बीएसमी के खिलाफ बड़ी जीत तब मिली जब बंबई उच्च न्यायालय ने उनका दफ्तर तोड़ने पर रोक लगा दी।
अदालत ने कहा कि बीएसी का कदम घातक और अपमानजनक है। शिवसेना के साथ जारी जुबानी जंग के बीच कंगना मुंबई वापस लौट आई हैं। उनका आरोप है कि उन्हें महाराष्ट्र सरकार द्वारा निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उनकी शिवसेना से तनातनी चल रही है। वहीं, इस मामले में आज कंगना की याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई होने वाली थी, जिसे अब 22 सितंबर तक के लिए टाल दी गई है।
उच्च न्यायालय में सुनवाई 22 तक टली….
बीएमसी द्वारा कंगना का दफ्तर तोड़े जाने को लेकर बंबई उच्च न्यायालय में सुनवाई 22 सितंबर तक टल गई है। इसके बाद 22 सितंबर तक कोई भी निर्माण काम नहीं हो सकता है।
अचानक आधी रात को नगरपालिका नींद से जागा और उसने याचिकाकर्ता को तब नोटिस जारी किया जब वो शहर में नहीं थीं और उन्हें 24 घंटे के अंदर जवाब देने को कहा गया। लिखित अनुरोध के बावजूद उन्हें अतिरिक्त समय नहीं दिया गया और 24 घंटे पूरे होते ही उनके दफ्तर को तोड़ दिया गया।
जिस तरीके से बीएमसी ने दफ्तर तोड़ने का कार्य किया है वो शुरूआती तौर पर वास्तविक और दुर्भावना रहित नहीं लगता है।
यहां हम यह कहना चाहेंगे कि यदि बीएमसी इतनी ही तेजी से काम करेगा और शहर में मौजूद सभी अवैध निर्माण को तोड़ देगा तो शहर रहने के लिए एक बिलकुल अलग स्थान बन जाएगा।
नगरपालिका ने अदालत के समय को बर्बाद करने की कोशिश की और दूसरी तरफ उसने निर्माण को तोड़ने का काम किया।
हम बीएमसी के आचरण को बेहद निराशाजनक मानते हैं क्योंकि बीएमसी जानता था कि याचिकाकर्ता द्वारा किसी भी समय अदालत में याचिका दाखिल की जाएगी और तत्काल आदेश की मांग करने वाले आवेदन को स्थानांतरित कर दिया जाएगा।