उत्तराखंड

प्रस्ताव पारित न होने पर होगी आर-पार की लड़ाई

जखोली में संघर्ष समिति और आंदोलनकारियों की बैठक
रुद्रप्रयाग। गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने केे लिए क्षेत्र पंचायत सदस्यों और ग्राम प्रधानों ने प्रस्ताव तैयार किया। बैठक स्थगित होने के कारण अगली बीडीसी बैठक में इस प्रस्ताव को पारित किया जाएगा।

इस मौके पर विकासखंड प्रांगण में स्थायी राजधानी गैरसैंण संघर्ष समिति और जनप्रतिनिधियों की एक बैठक हुई। बैठक में संघर्ष समिति के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने कहा कि सरकार ने 20 से 28 मार्च तक गैरसैंण में आयोजित बजट सत्र में गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने का विधेयक पारित नहीं किया तो आंदोलनकारी आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोगों को सहारनपुर, बिजनौर नहीं गैरसैंण चाहिए। सरकार जन भावनाओं और विकास के विकेन्द्रीकरण के लिए जल्द गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करें। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आंदोलन में सहयोग करने की मांग की। आंदोलनकारी रमेश नौटियाल व राम रतन पंवार ने कहा कि पिछले 17 सालों में सरकार उत्तराखंड की राजधानी तय नहीं कर पाई है। यह प्रदेश बिना राजधानी के संचालित हो रहा है। सरकार गैरसैंण में सत्र के नाम पर सिर्फ जनता के पैसें की बर्बादी कर रही है। सरकार ने राजधानी घोषित नहीं की तो सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
प्रधान संगठन के ब्लाॅक अध्यक्ष महावीर पंवार, महामंत्री सत्य प्रकाश बहुगुणा ने कहा कि राजधानी आंदोलन के लिए प्रधान संगठन संघर्ष समिति के साथ खड़ा है। इस लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाने के लिए जनप्रतिनिधि बड़ी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। इस मौके पर आंदोलनकारी राय सिंह रावत, नरेश भट्ट, कुलदीप राणा हिमांशु सेमवाल समेत अन्य लोग मौजूद थे।

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