उत्तराखंड

गर्भवती महिलाओं को परोसा गए घरेलू व पारम्परिक व्यंजन..

गर्भवती महिलाओं को परोसा गए घरेलू व पारम्परिक व्यंजन..

तीनों ब्लाॅकों के आंगनबाड़ी केन्द्रों में अम्मा की रसोई कार्यक्रम का आयोजन..

 

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत बाल विकास परियोजना जखोली, अगस्त्यमुनि व ऊखीमठ में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में अम्मा की रसोई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पोषण माह के तहत आयोजित कार्यक्रम में घरेलू व पारम्परिक व्यंजन बनाए गए।

विकासखंड जखोली व अगस्त्यमुनि के आंगनबाड़ी केंद्रों में अम्मा की रसोई कार्यक्रम के तहत लोहे की कढ़ाई का प्रयोग करते हुए पारम्परिक व्यंजन बनाए गए। इनमें मुख्यतः गहथ का फाणा, काले दाल का चैंसा, पिंडालू के पैतूड़, मंडुवे की रोटी, झंगोरे की खीर, चैलाई के लड्डू आदि पकवान बनाए गए। अम्मा द्वारा बनाए गए सभी पकवानों को आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत गर्भवती, धात्री माताओं व बच्चों को परोसा गया। आंगनबाड़ी केंद्र तुनेटा में स्वस्थ बालक व स्वस्थ बालिका स्पद्र्धा का भी आयोजन किया गया।

साथ ही जखोली ब्लाॅक समन्वयक बलराम कोठारी द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण ट्रैकर एप के माध्यम से लाभार्थियों का आधार शिडिंग किया गया। वहीं बाल विकास परियोजना ऊखीमठ के अंतर्गत अम्मा की रसोई कार्यक्रम का आयोजन आंगनबाड़ी केंद्र मनसूना में किया गया। पोषण पर आधारित कार्यक्रम में सुरजी देवी (अम्मा) द्वारा गढ़वाली व्यंजन बनाए गए तथा कुपोषित बच्चों को खिलाया गया।

बाल विकास परियोजना अधिकारी ऊखीमठ हिमांशु बडोला ने राष्ट्रीय पोषण माह के तहत आयोजित अम्मा की रसोई कार्यक्रम में घरेलू पकवानों की गुणवत्ता की जानकारी देते हुए बताया गया कि घरेलू व्यंजनों का अधिकाधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए। इससे बीमारियों से बचा जा सकता है। इस अवसर पर प्रवेंद्र सिंह, सतीश सिंह सहित आंगनवाड़ी कार्यकत्री उपस्थित थी।

 

 

 

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