कुलदीप बगवाड़ी
गुप्तकाशी/रुद्रप्रयाग। ल्वारा गांव में चल रहे पांडव नृत्य में अर्जुन द्वारा सुभद्रा हरण और विवाह का मंचन किया गया। इस मौके पर सैकड़ों लोग अर्जुन-सुभद्रा विवाह के साक्षी बने।
परंपरानुसार पांडव नृत्य के दौरान गांव के एक निश्चित व्यक्ति में सुभद्रा अवतरित हुई। इसके बाद अर्जुन ने श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा का हरण किया। पांडवों को जब इसका पता चलता तो वे धूमधाम से विवाह का निर्णय लेते हैं। ल्वारा गांव चंडिका मंदिर पांडाल से अर्जुन की बारात नृत्य स्थल पहुंचती है। यहां अर्जुन और सुभद्रा का विधि विधान पूर्वक विवाह होता है। अर्जुन माता कुंती की मदद से रूठी द्रोपदी को मनाते हैं।
इस अवसर पर पांडव नृत्य समिति के अध्यक्ष रामेस्वर प्रसाद शुक्ला, संयोजक वीरेंद्र फरस्वान, महामंत्री देवी प्रसाद शास्त्री , ग्राम प्रधान कैलाश पुरोहित , क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष – ब्लाक प्रमुख विष्णु कांत शुक्ला, मुक्की बगवाड़ी, कुलदीप भट्ट, हुकुम सिंह, सुरजीत भट्ट,प्रेम बगवाड़ी , प्रदीप बुटोला, ढोल वादक पुरुषोत्तम दास , मोहन दास आदि मौजूद थे।
कल होगा चक्रव्यू आयोजन –
कल यानि 28 दिसम्बर को ल्वारा गांव पांडव नृत्य में चक्रव्यू आयोजन होगा, सूचना लिखने तक कार्यकारणी और ल्वारा गावः के युवा चक्रव्यू निर्माण की तैयारी में जुटे है