लगातार महिलाओं के विरुद्ध बढ़ती हिंसा..
उत्तराखंड: हर रोज महिलाओं को अपमान, धमकियों, यौन शोषण और अनेक अन्य हिंसात्मक घटनाओं का सामना करना पड़ता है ।यहां तक कि उनके जीवन साथी या उसके परिवार के सदस्य उनकी हत्या कर देते हैं। इन सबके बावजूद हमें इस प्रकार की हिंसा के बारे में अधिक पता नहीं चलता है क्योंकि शोषित व प्रताड़ित महिलाएं इसके बारे में चर्चा करने से घबराती, डरती व झिझकती हैं।
इसलिए आधी आबादी घर के बाहर ही नहीं बल्कि अपनी दहलीज के भीतर भी सुरक्षित नहीं हैं। महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। हिंसा को लेकर जारी विमर्श और कानूनी सुधारों के बावजूद पुलिस का पांच साल का रिकार्ड चिंताजनक तस्वीर पेश कर रहा है। इससे साफ हो रहा है कि महिलाओं के प्रति हिंसा के मामलों में कोई कमी नहीं आई है।
नैनीताल पुलिस के आंकड़े महिला हिंसा के लगातार बढ़ते ग्राफ को दर्शा रहे हैं। पुलिस के मुताबिक वर्ष 2016 में 35 शिकायतें दर्ज हुई थी। वर्ष 2017 में यह आंकड़ा बढ़कर 77 हो गया। अलबत्ता वर्ष 2018 में 27 शिकायतों के साथ इसमें आंशिक कमी दर्ज की गई। लेकिन वर्ष 2019 में यह संख्या दहाई का आंकड़ा पार कर 618 तक पहुंच गई। वर्ष 2020 में यह ग्राफ बढ़कर 661 तक पहुंच चुका है।
इस तरह देखा जाए तो साल दर साल महिलाओं के प्रति हिंसा के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2019 और 2020 के आंकड़े तो बेहद चिंताजनक तस्वीर पेश कर रहे हैं। महिला हिंसा की रोकथाम और कार्रवाई को लेकर हुए सुधारों और जागरुकता के चलते बड़ी संख्या में मामले सामने आ रहे हैं। महिला हिंसा को लेकर पुलिस का रुख सख्त है। पुलिस पूरी संवेदनशीलता के साथ ऐसे मामलों पर कार्रवाई कर रही है।