देश/ विदेश

आग की लपटों में घिरे नाना की मदद को चिल्लाता रहा नाती..

लोग मदद के बजाय मोबाइल से वीडियो बनाते रहे..

देश-विदेश : गाजियाबाद के लोनी के नाईपुरा कॉलोनी में हुई घटना ने एक तरफ बिजली निगम की लापरवाही उजागर की तो दूसरी तरफ लोगों की संवेदनहीनता भी सामने ला दी। खोखे में आग लगने के बाद लपटों में घिरे विजय कांत को बचाने के लिए उनका नाती मदद को चिल्लाता रहा, लेकिन लोग मदद के बजाय मोबाइल से वीडियो बनाते रहे। कुछ लोगों ने बिजली निगम का नंबर मिलाकर विद्युत आपूर्ति बंद कराने की कोशिश की, लेकिन अधिकांश लोग तमाशबीन बने रहे। बुधवार दोपहर करीब तीन बजकर 20 मिनट पर हादसा हुआ। करीब 10 मिनट तक बुजुर्ग विजय कांत झा आग की लपटों से घिरे रहे। करंट और आग की चपेट में आने से वह लपटों से बाहर नहीं निकल सके।

इसके बाद विजय कांत के शरीर से भी लपटें उठने लगीं। इस दौरान मौके पर लोग इकट्ठा हो गए लेकिन वे मदद करने के बजाय तमाशबीन बनकर मोबाइल से घटना की वीडियो बनाने में लगे रहे। करीब 10 मिनट बाद सभासद और कुछ अन्य लोग आए, जिन्होंने विद्युत आपूर्ति बंद कराई। इसके बाद कुछ लोग बुजुर्ग पर मिट्टी डालकर आग बुझाने की कोशिश में जुट गए। मशक्कत के बाद आग बुझी, लेकिन तब तक बुजुर्ग की मौत हो चुकी थी।

 

 

खोखे में आग लगते ही विजय कांत, उनके धेवते राजू व अनिल ने चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया। ट्रांसफार्मर का गर्म तेल गिरने से राजू भी बुरी तरह झुलस गया और अनिल भी हादसे का शिकार हुआ। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर दौड़ पड़े। लेकिन, समय से मदद न मिलने के कारण विजय कांत की चीख धीरे-धीरे सन्नाटे में तब्दील हो गईं। विद्युत आपूर्ति बंद होने पर लोगों ने राजू को कपड़े में लपेटा। पुलिस और सभासद ने राजू को ऑटो में बैठाकर अस्पताल भिजवाया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

परिजनों के मुताबिक विजय कांत झा कई वर्षों से कॉलोनी में रहते थे। इनके तीन बेटे हैं, जो नौकरी करते हैं। उनका नाती राजू भी कॉलोनी में अपने माता-पिता के साथ रहता है। राजू माता की चौकी और जागरणों में काम करता है। हादसे के बाद कॉलोनी के लोग भागकर राजू और विजय के घर पहुंचे और उन्हें सूचना दी।

 

 

आनन फानन परिवार के लोग मौके पर पहुंचे। पुलिस जब शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने लगी तो परिजनों ने विरोध शुरू कर दिया। उनका कहना था कि पहले घटना के दोषियों पर कार्रवाई की जाए फिर शव ले जाने दिया जाएगा। कुछ देर तक हंगामा होता रहा। फिर सभासद और अन्य लोगों ने परिजनों को समझाकर शांत कराया और शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top