नाइट्रोजन गैस मुंह में भरकर इंजीनियरिंग छात्र ने दी जान..
उत्तराखंड : गंगापुर मार्ग स्थित जनपथ कालोनी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र ने मुंह में नाइट्रोजन गैस भरकर जान दे दी। काफी समय से डिप्रेशन में चल रहे छात्र ने मुंह में नाइट्रोजन गैस के सिलेंडर का पाइप और एन-95 मास्क लगाकर घटना को अंजाम दिया। शाम को जब पिता ड्यूटी से घर पहुंचे तो बेड पर इकलौते बेटे का शव देखकर हैरान रह गए।
आत्महत्या के इस नए तरीके से पुलिस-परिजन हैरान रह गए। पुलिस ने छात्र का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। घटनाक्रम के अनुसार गंगापुर मार्ग स्थित जनपथ कॉलोनी निवासी अमरीक सिंह सिडकुल में एक फैक्ट्री में प्रोडक्शन मैनेजर हैं। उनका 24 वर्षीय बेटा दीपक कुमार फरीदाबाद से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद कोरोना लॉकडाउन से पहले ही घर आ गया था।
बताया जा रहा है कि मंगलवार की दोपहर को दीपक के पिता अमरीक सिंह सिडकुल की कंपनी में ड्यूटी पर चले गए थे, जबकि मां रिश्तेदार की शादी में पंजाब गईं थी। दीपक की एक बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। मंगलवार को दीपक घर पर अकेला था। शाम करीब छह बजे जब पिता ड्यूटी से घर लौटे तो दीपक का कमरा अंदर से बंद देखा।
खिड़की से अंदर देखा तो मुंह में मास्क और पाइप लगाकर दीपक बेड पर बेहोश पड़ा था। पड़ोसियों की मदद से किसी तरह दरवाजा खोलकर पिता ने उसे आनन-फानन से अस्पताल पहुंचाया, पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बाथरूम में रखा था सिलेंडर और बेड तक जोड़ा लंबा पाइप..
पुलिस के अनुसार दीपक ने नाइट्रोजन गैस का सिलेंडर कमरे से लगे बाथरूम में छिपाकर रखा था। उसने सिलेंडर से कई छोटे-बडे़ पाइपों को आपस में जोड़कर बेड तक पहुंचाया था। पाइप को जोड़ने के बाकायदा ग्लू की मदद ली गई थी। इसके बाद उसने मुंह में एन-95 मास्क और पन्नी से पूरे चेहरे में लपेटकर गैस ऑन कर जान दे दी।यह गैस ठंडी और काफी हल्की होती है। प्रथम दृष्टया लगता है कि ज्यादा मात्रा में नाइट्रोजन गैस युवक के फेफड़ों तक पहुंच गई, जिससे उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी अचानक सांस रुकने की बात सामने आ रही है। विस्तृत जांच के लिए बिसरा सुरक्षित रखवा दिया गया है।