उत्तराखंड

देश की पहचान गंगा से है, ताजमहल से नहीं : राष्ट्रपति

हरिद्वार पहुँचे राष्ट्रपति ने सपरिवार गंगा की पूजा की

देहरादून/हरिद्वार। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दो दिन के दौरे पर उत्तराखंड पहुँच गए हैं। वायुसेना के विशेष विमान से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुँचे राष्ट्रपति का राज्यपाल डाॅ.कृष्ण कांत पाल व मुख्यमंत्री श्त्रिवेंद्र सिंह रावत स्वागत किया। राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार रामनाथ कोविंद उत्तराखण्ड आए हैं। इस दौरान भारतीय सेना द्वारा राष्ट्रपति को गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया।

राष्ट्र निर्माण राष्ट्र के निर्माताओं से होता है: कोविंद
हरिद्वार। भारी बारिश के बीच महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हरिद्वार पहुँचे। इस दौरान उन्होंने सपरिवार हरकी पैडी में गंगा की पूजा की। इसके बाद वह दिव्य प्रेम सेवा मिशन के अभिनंदन कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में जनता को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जितनी तारीफ़ की जाय, कम है।

उत्तराखंड को पतंजलि ने अलग तरह की पहचान दिलाई है। इतिहास इस बात का गवाह है कि राजनीति के क्षेत्र में इस भूमि से बड़े-बड़े सूरमा निकले हैं। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का नाम लेते हुए उनके शीघ्र स्वास्थ्य की कामना की। उन्होंने पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा के की तारीफ करते हुए कहा कि पर्यावरण और विकास के बीच संतुलन बनाते हुए जानवरो को सुरक्षित रखना है ।

उन्होंने कहा कि नामानि गंगे की शुरुआत भी उत्तराखंड से ही हो रही है। उन्होंने दिव्य प्रेम सेवा मिशन को अपना घर बताया। उत्तराखंड पुलिस की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि भारी बारिश के बावजूद बिना छतरी के रास्ते में पुलिस कर्मी खड़े थे। इसी भावना से राष्ट्र निर्माता बना जा सकता है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण सरकारों से नही होता है, राष्ट्र का निर्माण राष्ट्र निर्माताओं से होता है। मन में इच्छा थी कि सबसे मिलूंगा। माँ गंगा में मेरी श्रद्धा है। इसके लिए भीगता हूँ तो भीगूँगा। इस देश की पहचान गंगा से है। ताजमहल से नहीं। ऋषिमुनियों से गंगा से पहचान है। इस दौरान राष्ट्रपति के साथ राज्यपाल केके पॉल, सीएम त्रिवेंद सिंह रावत, मंत्री मदन कौशिक, पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण, विधानसभा स्पीकर म प्रेम चंद अग्रवाल और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद थे।
जब राष्ट्रपति के बेटे को हरिद्वार में ही छोड़ दिया

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