उत्तराखंड

औचक निरीक्षण में अनुपस्थित पाये गये कर्मचारी

औचक निरीक्षण में अनुपस्थित पाये गये कर्मचारी , जिलाधिकारी ने किया प्रयोगशाला एवं जलागम कार्यालय का निरीक्षण

रुद्रप्रयाग। कृषि विभाग के कोटेश्वर मार्ग स्थित मृदा परीक्षण प्रयोगशाला व समेकित जलागम प्रबन्धन कार्यक्रम कार्यालय का जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान दोनों विभागों में एक-एक कर्मचारी उपस्थित पाये गए। मृदा प्रयोगशाला में चार कर्मचारी कार्यरत हैं, जिसमें से एक कर्मचारी चतुर्थ श्रेणी का ही उपस्थित था और अन्य एक कर्मचारी बिना टूर रजिस्टर में अकिंत किए बिना टूर पर, एक नदारद एवं एक बिना छुट्टी स्वीकृत कराये अवकाश पर था। इसके साथ ही दो पीआरडी जवान भी कार्यरत हंै, वे भी नदारद पाये गए। समेकित जलागम प्रबन्धन कार्यक्रम में तहल कर्मचारी कार्यरत हैं, जिसमें से एक कर्मचारी ही उपस्थित था व अन्य दो नदारद थे। कर्मचारियों के अनुपस्थित होने पर बताया गया कि किसी कार्य से बाजार गए हैं और एक घंटे के पश्चात कर्मचारी उपस्थित हो गए।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने दोनों विभाग के कार्यो की विस्तार से जानकारी ली। मौके पर समेकित कार्यालय में होने वाले कार्यो के रजिस्टर मेनटेन नहीं थे। इसके पश्चात जिलाधिकारी ने स्वयं अपने सामने लैब में मृदा परीक्षण कराया तो पता चला कि लैब में मृदा में कार्बन, पोटाश व पीएच अर्थात हाइड्रोजन के अनुपात का ही परीक्षण किया जाता है। इसके अलावा नाइट्रोजन, जिन्क आदि के टेस्ट अन्य जनपद से कराये जा रहे हैं। तीन परीक्षण को मौके पर कराने पर पाया गया कि प्रयोगशाला के केमिकल्स के डिब्बों में धूल, प्रयोगशाला में पीएच मीटर खराब, पीएच मीटर की रीडिंग में अन्तर, जनरेटर खराब, लैब मंे पन्द्रह दिन से पानी बंद, परीक्षण के लिए प्रयुक्त यंत्र खराब व अन्य कमियां पायी गई। इस संबंध में डीएम ने मुख्य कृषि अधिकारी समेत उपस्थित समस्त कर्मचारियों को अव्यवस्थाओं पर फटकार लगाते हुए मृदा परीक्षण के लिए नई तकनीकी का प्रयोग करने और कर्मचारियों को मृदा परीक्षण का प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए। इसके साथ ही डीएम ने मृदा परीक्षण व समेकिम जलागम द्वारा अब तक हुए खर्च का ब्यौरा उपलब्ध कराने के साथ ही कार्यालय को ठीक करने के निर्देश सीएओ को दिए। कहा कि मृदा परीक्षण का मृख्य उद्देश्य विभिन्न विकारो जैसे अम्लीयता, क्षारीयता, प्रदूषण आदि का पता लगाकर तथा सुधार के लिए कृषकों को सुझाव देना है। मृदा की उर्वरता को बनाये रखने उर्वरक व खादो का प्रयोग करना व परीक्षण के अनुरूप खेती करना है, जिससे कृषकों की आय में सुधार हो, मगर विभाग द्वारा लापरवाही बरती जा रही है जो कि ठीक नहीं है। जिलाधिकारी ने एक सप्ताह के भीतर कमियों को दूर करने को कहा, अन्यथा कार्रवाई की बात कही।

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