कोरोना के चलते इस बार डेढ़ माह का होगा कुंभ मेला..
उत्तराखंड: हरिद्वार कुंभ मेला इस बार साढ़े तीन महीने के बजाय सिर्फ 48 दिन का ही होगा। राज्य सरकार एक जनवरी को नहीं, फरवरी अंत में मेले की अधिसूचना जारी करेगी। इस बार कोरोना के कारण अधिकारिक मेले की अवधि कम होगी। संतों के साथ सहमति के बाद सरकार ने मार्च-अप्रैल में पड़ने वाले स्नान को ही मुख्य कुंभ स्नान मानते हुए, नोटिफिकेशन की तैयारी की है। शहरी विकास विभाग ने मेला नोटिफिकेशन का प्रस्ताव सीएम के पास भेजा है, फरवरी अंत में कुंभ की विधिवत नोटिफिकेशन की उम्मीद है।
सिर्फ स्नान तक सीमित रहेगा कुंभ..
कोरोना के कारण ऋद्धालुओं के लंबे प्रवास के बजाय, मेले को मुख्य तौर पर स्नान तक सीमित रहेगा। जनवरी में यदि कोविड वेक्सीनेशन प्रारंभ होता है तो सरकार प्रथम चरण में कुंभ मेला में फ्रंट लाइन ड्यूटी देने वाले कार्मिकों को टीका लगाकर सुरक्षा चक्र तैयार कर सकती है।
इधर, कुंभ मेले में पुलिस फोर्स की तैनाती का काम शुरू हो गया है। हरिद्वार में इस वक्त 1073 पुलिसकर्मी और दो कंपनी पीएसी पहले ही तैनात है। अब एक जनवरी से अतिरिक्त फोर्स की रवानगी भी कुंभ के लिए होने जा रही है। इसके साथ ही केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की भी मांग राज्य ने की है, कुंभ में कुल करीब 15 हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती की जानी है।
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरी का कहना है कि वर्षों से कुम्भ मेला चार माह का लगता आ रहा है। 2010 में भी कुम्भ चार माह तक चला था। इस बार कोरोना काल के कारण दिनों में कुछ कमी सम्भव है। सरकार के साथ मीटिंग में इस बात पर भी चर्चा की गई थी।
कुंभ में सर्विलांस सिस्टम स्थापित करने को सीएम त्रिवेंद्र रावत ने 17.34 करोड़ की मंजूरी प्रदान की है। इसमें पहली किस्त के रूप में 6.94 करोड़ की धनराशि जारी हो गई है। इसके साथ ही मेले में एक हजार बेड के अस्थाई कोविड केयर सेंटर स्थापित करने के लिए सीएम ने 15.46 करोड़ की स्वीकृति दी है, जिसमें से 6.18 करोड़ जारी हो गए हैं। अन्य चिकित्सा सुविधाओं के लिए भी 2.93 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसमें से 1.17 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं।
कुंभ मेला पूरी परंपरा के साथ सम्पन्न होगा। दिव्य और भव्य आयोजन के लिए सरकार की पूरी तैयारी है, फरवरी अंत में मेले की अधिसूचना जारी होगी, अधिकारिक मेला अवधि करीब 48 दिन की हो सकती है।