उत्तराखंड

जर्जर हालत में है धार-तौंदला का विद्यालय भवन

जर्जर

पुनर्निर्माण के लिए नहीं मिल रहा पर्याप्त पैसा
अपने पाल्यों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं अभिभावक
रुद्रप्रयाग। विकासखंड अगस्त्यमुनि अन्तर्गत दशज्यूला कांडई के राजकीय प्राथमिक विद्यालय धार-तौंदला का भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। जर्जर हो चुका यह विद्यालय कभी भी हादसे का कारण बन सकता है। विद्यालय भवन के पुनर्निर्माण को लेकर स्थानीय ग्रामीण कई बार शासन-प्रशासन के साथ ही जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके हैं। भवन की मरम्मत के लिए डेढ़ लाख रुपए की धनराशि भी स्वीकृत हुई है, लेकिन यह धनराशि पर्याप्त नहीं है।

प्राथमिक विद्यालय धार-तौंदला की स्थापना वर्ष 1945 में हुई थी और इसके भवन का निर्माण 1991-92 में किया गया। आज इस विद्यालय के कक्षा-कक्षों की हालत दयनीय बनी है। बरसात के समय छत से पानी टपकना आम बात है। भवन की दीवारें और बुनियाद पूरी तरह हिली हुई हैं। इस विद्यालय में 26 छात्र पढ़ रहे हैं। जो भय के साए में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। विद्यालय की हालत को देखते हुए अभिभावकों ने जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल से मुलाकात कर अपनी समस्या बताई थी। इस पर जिलाधिकारी ने मौके पर जाकर खुद निरीक्षण भी किया।
स्थानीय निवासी रणवीर सिंह रावत, मोहन सिंह, कविता देवी, ममता देवी, जशोदा देवी का कहना है कि उन्हें मजबूरी में अपने पाल्यों को इस विद्यालय में पढ़ाना पड़ रहा है। स्कूल की स्थिति देखकर मन में डर रहता है। स्कूल के भवन के पुनर्निर्माण के लिए करीब 12 लाख रुपए की आवश्यकता है। लेकिन स्वीकृत सिर्फ डेढ़ लाख रुपए हुआ है। यह धनराशि ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। उन्होंने यह भी कहा कि विद्यालय एकल शिक्षक के भरोसे हैं। जबकि विद्यालय में कम से कम दो शिक्षक तैनात होने चाहिए थे। उन्होंने शासन-प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि विद्यालय भवन की रिपेयरिंग के लिए पर्याप्त धनराशि स्वीकृत की जाए।

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