उत्तराखंड

देवरियाताल झील में प्राकृतिक खजानों और वृक्षों की रक्षा करते हैं यक्ष..

देवरियाताल झील में प्राकृतिक खजानों और वृक्षों की रक्षा करते हैं यक्ष..

हर साल जन्माष्टमी पर्व पर किया जाता है देवरिया महोत्सव का आयोजन..

देवरियाताल मेले में श्रीकृष्ण की झांकियां रही मुख्य आकर्षण का केन्द्र..

विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले तथा बोर्ड परीक्षाओं में अव्वल छात्रों को देवरिया सरोवर सम्मान से नवाजा..

रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय से 49 किमी की दूरी पर स्थित है देवरिया ताल..

 

 

 

 

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय से 49 किमी की दूरी पर स्थित देवरिया ताल एक सुंदर पर्यटन स्थल है। यहां हर साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर देवरिया महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस बार भी यहां पर महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण की झाकियां मुख्य आकर्षण का केन्द्र रही, जबकि महिला मंगल दल, शैक्षणिक संस्थान, संस्कृति विभाग के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। मेले में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले तथा 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में अव्वल नौनिहालों को देवरिया सरोवर सम्मान से नवाजा गया और भगवान श्रीकृष्ण की झांकियों तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

बता दें कि देवरियाताल का अपना धार्मिक महत्व है। इस झील में देवता स्नान किया करते थे। झील को पुराणों में इंद्र सरोवर के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि पांडवों के वनवास के दौरान उनसे सवाल पूछने वाले यक्ष इसी झील में रहता है। यक्ष यहां प्राकृतिक खजानों और वृक्षों की जड़ों की रक्षा करता है। एक अन्य मान्यता के अनुसार यहां पर बाणासुर की पोती ऊषा और भगवान श्रीकृष्ण का पोता अनिरूद्ध जल क्रीड़ा करने के लिए आया करते थे। लोगों की आस्था है कि प्राचीन समय में इस स्थान पर सच्चे मन से प्रार्थना करने वाले को ही नाग देवता दर्शन देते थे।

इसके अलावा देवरियाताल को लेकर यह भी कहा जाता है कि इस ताल के नीचे सात छोटी-छोटी नदियां ताल के ऊपर आती हैं। हरे भरे जंगलों से घिरी हुई यह मनमोहन और अद्भुत झील समुद्रतल से लगभग 2438 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। चोपता-ऊखीमठ सड़क से दो किमी की दूरी पर स्थित देवरियाताल का आकार कटोरे जैसा है। यह 400 मीटर लंबी और 700 मीटर चैड़ी है। इस झील के पानी में गंगोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और नीलकंठ की चोटियां का स्पष्ट प्रतिबिंब दिखाई देता है। हर साल जन्माष्टमी के मौके पर यहां पर मेले का आयोजन किया जाता है।

मेले में केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत के प्रतिनिधि के रूप में शिरकत करने पहुंचे भाजपा जिला महामंत्री अनूप सेमवाल ने कहा कि देवरिया ताल का नाम आज विश्व मानचित्र पर अंकित है। यहां पर्यटन व ट्रेकिंग की अपार संभावनाएं हैं। इससे यहां के युवाआंे को जोड़कर अधिक से अधिक रोजगार से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि देवरियाताल का अपना एक महत्व है। यहां आकर पर्यटकों को शांति मिलती है। विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा ने कहा कि देवरियाताल मेला हमारी पौराणिक धरोहर है।

इसलिए इस मेले को भव्य रूप देने के लिए सामूहिक पहल होनी चाहिए। डाॅ हेमा पुष्वाण ने कहा कि मेलों के आयोजन से ग्रामीणों में प्यार, प्रेम व सौहार्द बना रहता है। नगर पंचायत अध्यक्ष ऊखीमठ विजय राणा ने कहा कि भविष्य में देवरिया ताल के चहुंमुखी विकास के लिए सामूहिक पहल की जायेगी।

 

 

मेला अध्यक्ष एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चंडी प्रसाद भटट ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। मेला अधिकारी एवं उपजिलाधिकारी जितेन्द्र वर्मा ने कहा कि देवरिया ताल में पर्यटन की अपार संभावनायें हैं। रेंज अधिकारी पंकज ध्यानी ने कहा कि देवरिया ताल के प्राकृतिक सौन्दर्य को यथावत रखने के लिए विभाग द्वारा विशेष पहल की जा रही है।

मेले में उप समिति सारी, ऊखीमठ व मनसूना की झांकियां मुख्य आकर्षण का केन्द्र रही, जबकि उप समिति सारी, ऊखीमठ व मनसूना के तत्वावधान में प्रस्तुत लोक गीत व लोक नृत्य में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली टीमों को आयोजक मंडल की ओर से सम्मानित किया गया।

मेले में लोक गायक सौरभ मैठाणी व हेमन्त बुटोला तथा जागर गायिका रामेश्वरी भटट सहित विभिन्न टीमों ने अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी, जिसका दर्शकों ने देर सांय तक भरपूर लुत्फ उठाया। मेले में महिला मंगल दल सारी, आचार्य कृष्णानन्द नौटियाल, गीता रावत, रंजना अवस्थी, बलवीर राणा, भूपेन्द्र राणा सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले तथा हाईस्कूल व इंटर बोर्ड परीक्षाओं में ब्लॉक स्तर पर प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले ढाई दर्जन व्यक्तियों व नौनिहालों को देवरिया सरोवर सम्मान से नवाजा गया।

 

 

 

 

 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top