उत्तराखंड

संस्कृति और सभ्यता को बचाये रखने की जरूरत

चैमास युवा लोक कला मंच दिल्ली के सौजन्य से विशाल जागरण एवं गीत बहार का आयोजन
तूना गांव में किया गया कार्यक्रम आयोजित, देर शाम तक दर्शकों ने उठाया लुत्फ
लोक गायकों के गानों पर जमकर थिरके दर्शक
रुद्रप्रयाग। चैमास युवा लोक कला मंच दिल्ली के सौजन्य से ग्राम तूना में विशाल जागरण एवं गीत बहार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में गढ़वाली लोक गायक एवं गायिकाओं ने चार चांद लगा दिये। दूर-दराज क्षेत्रों से आये दर्शकों ने देर शाम तक भरपूर लुत्फ उठाया।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए भरदार जन विकास मंच के अध्यक्ष एलपी डिमरी ने कहा कि अपनी संस्कृति और सभ्यता के लिए सभी को आगे आने की आवश्यकता है। जब हम अपनी संस्कृति को बचाने का प्रयास करेंगे, तभी जाकर हमारे क्षेत्र का नाम भी रोशन होगा। उन्होंने कहा कि आज गांवों में पलायन तेजी से हो रहा है। गांव खाली होते जा रहे हैं। कारण, साफ है कि ग्रामीण इलाकों में सुविधाओं की कमी है। इसके लिए सोचने की आवश्यकता है। प्रवासी लोग अब गांवों की ओर रूख करने लगे हैं। उन्हें अहसास हो चुका है कि शहरी इलाकों से बढ़िया ग्रामीण इलाका ही बेहतर है।

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शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण फैला हुआ है, जिससे अनेक बीमारियां फैल रही हैं और बीमारियां बढ़ती जा रही हैं। जबकि ग्रामीण इलाकों में शुद्ध हवा के साथ ही ताजी साग-बाजी मिलती है, जिससे मनुष्य स्वस्थ रहता है। उन्होंने आयोजक मंडल का आभार जताते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से स्थानीय कलाकारों को मंच मिलता है। वे अपनी प्रतिभाओं को इन मंचों के माध्यम से निखार सकते हैं। विशिष्ट अतिथि सच्चिदानंद सेमवाल ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से भाईचारा बना रहता है। अपनी संस्कृति की पहचान होती है और सभी का मनोरंजन भी होता हैं श्री सेमवाल ने कहा कि स्थानीय कलाकारों को आगे बढ़ने के लिए इस तरह के मंच बेहतर साबित सिद्ध होते हैं। चैमास युवा लोक कला मंच के अध्यक्ष दिवान सिंह रावत ने कहा कि स्थानीय लोक कलाकारों को मंच प्रदान करने के लिए मंच की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति की पहचान होनी जरूरी है। इन दिनों शहरी इलाकों में रह रहे प्रवासी घर आये हैं, जिन्हें उनकी संस्कृति से रूबरू करवाया जा रहा है। कहा कि आने वाले भविष्य में सभी लोग शहरी इलाकों का त्याग कर ग्रामीण इलाकों की ओर रूख करेंगे और अपने गांवों को खुशहाल बनायेंगे। कार्यक्रम में लोक गायक गजेन्द्र राणा ने नंदा भगवती नमो नारायणी, जय हो नंदा जय बोला, लीला घस्यारी, भानुमति, मीना राणा ने भगवान बद्री विशाल, बद्रीनारायण बोल रे, चंदना मेरा पहाड़ आयी, विक्रम कप्रवाण कांदी मां बंदूकी छन, जिंदगी छा हाथ मां, कुलदीप कप्रवाण ने कमला बठिणा, मिज्या जा रे तरू, हे रूड़ी मिजाज्या रूड़ी, नवीन सेमवाल नाटक, दिनेश चैकीयाल चल मेरा देवता तीरथ नहैला, हरीश रावत मां मठियाणा भगवती जोत जगदी रौ तेरी, मंजू सुंदरियाल तूना गौं की उफरै मां तेरी जै जेकार हो, विमल बिष्ट छोरी 440, दीवान रावत देवी उफरे तेरी जै बोला, माता उफरैं तेरी जै बोला सहित कई अन्य कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी। जिसका दर्शकों ने देर शाम तक जमकर आनंद लिया। इस मौके पर प्रधान जवाड़ी कुंवर लाल सत्यार्थी, कृष्णानंद डिमरी, महावीर सिंह रावत, प्रकाश रावत, अर्जुन कंडारी, नवीन सेमवाल सहित कई मौजूद थे।
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