उत्तराखंड

समय से पहले चुनाव से मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने किया इन्कार..

समय से पहले चुनाव से मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने किया इन्कार..

उत्तराखंड: अगले विधानसभा चुनाव को अब एक साल से भी कम वक्त बचा है। राज्य की चौथी विधानसभा का गठन 21 मार्च 2017 को हुआ था, यानी अगले साल इस तिथि से पहले पांचवीं विधानसभा अस्तित्व में आ जाएगी। जिसका तात्पर्य यह हुआ कि उत्तराखंड में आगामी जनवरी या फरवरी में विधानसभा चुनाव होंगे। इन सबके बीच इन दिनों सियासी गलियारों में यह भी चर्चा चल रही है कि क्या राज्य की भाजपा सरकार समय से पहले विधानसभा चुनाव में जाने की तैयारी कर रही है। हालांकि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इस तरह की संभावना को दरकिनार कर दिया है।

 

 

पिछले विधानसभा चुनाव में तीन-चौथाई से ज्यादा बहुमत के साथ भाजपा ने एतिहासिक प्रदर्शन करते हुए सत्ता पाई थी। 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 57 सीटों पर जीत मिली थी। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से भाजपा का चुनाव रथ आगे बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2014 के बाद वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने सभी पांचों सीटों पर अपना परचम लहराया था। फिर राज्य में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से लेकर स्थानीय निकाय और सहकारिता चुनाव में भी भाजपा प्रतिद्वंद्वियों पर भारी पड़ी। वर्तमान चौथी विधानसभा में दो सीटों के उपचुनाव में भी भाजपा को ही जीत मिली।

 

 

इन दिनों सूबे में व्यापक वजूद रखने वाली कांग्रेस और भाजपा अल्मोड़ा जिले की सल्ट विधानसभा सीट के उप चुनाव में जोर आजमाइश में जुटी हैं। यह इस विधानसभा का तीसरा उप चुनाव है। इसी बीच उत्तराखंड सरकार में नेतृत्व परिवर्तन भी हुआ। भाजपा आलाकमान ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के स्थान पर तीरथ सिंह रावत की मुख्यमंत्री पद पर ताजपोशी कर दी। संवैधानिक प्रविधानों के अनुसार उन्हें छह महीने के भीतर विधानसभा का सदस्य बनना होगा।

 

 

जिसका मतलब यह हुआ कि 10 सितंबर से पहले तीरथ सिंह रावत के लिए किसी विधायक द्वारा खाली की गई सीट पर उपचुनाव कराया जाएगा। अब तीरथ विधायक बनेंगे तो उन्हें भी अपनी पौड़ी लोकसभा सीट छोड़नी होगी और इस पर भी उपचुनाव होगा। जिसमे, अगले कुछ महीनों के दौरान उत्तराखंड में विधानसभा व लोकसभा की एक-एक सीट के लिए उपचुनाव होना तय है। इन्हीं दो उपचुनाव के कारण इस तरह की चर्चा चल रही है कि क्या सरकार विधानसभा चुनाव समय से पहले कराने की सिफारिश कर सकती है।

 

 

हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि उत्तराखंड में जितनी मजबूत स्थिति में भाजपा है, उसके लिए ये दो उपचुनाव ज्यादा मुश्किल साबित नहीं होंगे। वही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने समय से पहले विधानसभा चुनाव की संभावना से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि जल्द चुनाव कराने का कोई कारण नहीं है। अभी पार्टी सल्ट उपचुनाव में जुटी है और उनके उपचुनाव के लिए काफी वक्त है। सरकार पूरे पांच साल प्रदेश के विकास पर काम करेगी।

 

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