उत्तराखंड

कोरोना महामारी के बाद देश में देखने को मिलेगा परिवर्तन: स्वामी ललित..

वर्षो से केदारनाथ धाम में बाबा की तपस्या में लीन हैं स्वामी ललित रामदास..

बीमारी से निज्ञात के लिए यज्ञ, हवन, ध्यान, योग क्रियाओं को किया जाना जरूरी..

हमें फिर से अपनी संस्कृति को अपनाने की जरूरत..

गाय के घी के हवन करने पर हजार गुना आॅक्सीजन का होता है निर्माण..

रुद्रप्रयाग: रे मन धीरज क्यों न धरै। सम्वत् दो हजार के ऊपर, ऐसौ योग परै। पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण, चहुं दिशि काल परै। अकाल मृत्यु जग माहीं व्यापै, प्रजा बहुत मरे। सहस बरस लगि सतयुग ब्यापै, सुख की दशा फिरै। स्वर्ण फूल बन पृथ्वी फूलै, धर्म की बेली बढ़ै। काल ब्याल से वही बचेगा, जो हंस का ध्यान धरै। देश में फैलती कोरोना महामारी को लेकर सूरदास का यह भजन आज सत्य साबित हो रहा है। केदारनाथ धाम में वर्षो से सालभर तक भगवान की तपस्या में लीन रहने वाले स्वामी ललित रामदास महाराज ने कहा कि सूरदास में भगवान शिव का रूप था और उन्हें भगवान शिव से शक्ति प्राप्त हुई थी।

 

उनके भजन में आज के समय की घटना बयां हो रही है। कोरोना जैसी भयावह बीमारी से देश जूझ रहा है और हर तरफ त्राहिमाम त्राहिमाम जैसी स्थिति पैदा हो गयी है। स्वामी ललित रामदास ने कहा कि 11700 फीट की ऊंचाई पर बाबा का धाम है और यह एक पवित्र स्थान है। इस स्थान पर योग, साधना करने से मनुष्य के सभी पाप दूर हो जाते हैं। जिस प्रकार से वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद परिवर्तन देखने को मिल रहा है। ठीक उसी प्रकार इस कोरोना महामारी के बाद बहुत बड़ा परिवर्तन समाज में देखने को मिलेगा। कहा कि अपने स्वार्थ के लिए जीने वाले लोगांे के लिए भगवान की यह बहुत बड़ी चुनौती है।

 

इंसान को सुधरने के लिए भगवान का दिया यह मौका है। मनुष्य को अपने जीवन स्तर पर सुधार की जरूरत है। यज्ञ, हवन, ध्यान, योग क्रियाओं को किया जाना जरूरी है। बाबा ललित रामदास महाराज ने कहा कि हम अपनी पौराणिक संस्कृति को भुला चुके हैं। पहले गौमूत्र, पंचामृत का सेवन करने से सभी रोग दूर हो जाते हैं। इसलिए इस बीमारी में गाय के दूध का सेवन करना चाहिए। घर के आंगन व चैक में गौमूत्र से पोछा लगाना चाहिए। आज आॅक्सीजन की इतनी बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। इसके लिए गाय के घी के हवन करने पर हजार गुना आॅक्सीजन का निर्माण होता है। जिन चीजों को हम छोड़ चुके हैं, उस कारण आज यह समस्या उत्पन्न हो रही है।

 

हमें फिर से अपनी संस्कृति को स्वीकार करना होगा। मनुष्य में प्रतिरोधक क्षमता की कमी हो रही है। भगवान के प्रति साध्विक विचार पैदा करने से सभी परेशानियां दूर होंगी। हमारा देश योग की संस्कृति है। आदि योगी भगवान शिव के मंत्रों का जाप करने से समस्या का समाधान होगा।

केदारनाथ यात्रा को लेकर स्वामी ललित रामदास महाराज ने कहा कि वे उच्च न्यायालय का आदर करते हैं। बाबा की यात्रा नियमों और व्यवस्थित ढंग से संचालित होनी चाहिए। सभी को नियमों का पालन करना होगा। बाबा का धाम हिमालय चेतना का केन्द्र है। यहां आकर लोगों में ऊर्जा का संचार होता है। यहां की जलवायु ही शरीर के लिए आहार है। कहा कि कोरोना महामारी का अंत इस वर्ष के अंत तक हो जायेगा।

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