देश/ विदेश

बिग ब्रेकिंग- मेडिकल साइंस की बड़ी उपलब्धि, आखिर खोज निकाली कैंसर की दवा..

बिग ब्रेकिंग- मेडिकल साइंस की बड़ी उपलब्धि, आखिर खोज निकाली कैंसर की दवा..

सिर्फ 6 महीने में दवा से पूरी तरह ठीक हुआ कैंसर..

100 फीसद कारगर, चिकित्सा जगत हैरान..

 

 

 

 

 

 

मेडिकल की दुनिया में एक नए चमत्कार ने हर किसी को हैरान कर दिया हैं। रेक्टल यानी मलाशय के कैंसर के कुछ मरीजों पर एक खास दवा का क्लिनिकल ट्रायल किया जा रहा था। इसके नतीजे कैंसर के मरीजों के लिए एक बड़ी खुशखबरी लेकर आए हैं। ट्रायल में शामिल सभी 18 मरीजों में कैंसर ट्यूमर पूरी तरह खत्म पाया गया।

 

 

देश-विदेश: मेडिकल की दुनिया में एक नए चमत्कार ने हर किसी को हैरान कर दिया हैं। रेक्टल यानी मलाशय के कैंसर के कुछ मरीजों पर एक खास दवा का क्लिनिकल ट्रायल किया जा रहा था। इसके नतीजे कैंसर के मरीजों के लिए एक बड़ी खुशखबरी लेकर आए हैं। ट्रायल में शामिल सभी 18 मरीजों में कैंसर ट्यूमर पूरी तरह खत्म पाया गया। दुनियाभर में पिछले कुछ सालों से कैंसर रोग के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी आई है। लेकिन मेडिकल साइंस ने कैंसर के क्षेत्र में भी आखिरकार चमत्कार कर दिया है।

 

कैंसर के इलाज को लेकर हाल ही में एक दवा का ट्रायल किया गया, जिसका परिणाम सफल साबित हुआ है। रेक्टल कैंसर यानी मलाशय के कैंसर के इलाज के लिए हुए दवा की शुरुआती ट्रायल में हर मरीज को कैंसर से छुटकारा मिल गया है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि सभी तरह के कैंसर का इलाज जल्द मिल सकता है और बढ़ते कैंसर के मामलों में कमी आ सकती है।

कैंसर की जांच और इलाज

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना हैं कि अभी तक कैंसर के लक्षणों का संदेह होने पर डॉक्टर पहले बायोप्सी, इमेजिंग या फिर फिजिकल टेस्ट के माध्यम से मरीज में कैंसर का पता लगाते हैं। कैंसर की पुष्टि होने के बाद रोग के स्टेज के आधार पर इलाज की प्रक्रियाओं को प्रयोग में लाया जाता है। भले ही कैंसर का कोई कारगार इलाज न हो, लेकिन कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और सर्जरी को प्रयोग में लाकर मरीज को बीमारी में राहत दिलाने का प्रयास किया जाता है लेकिन इलाज के इन तरीकों से आंत, मूत्र और यौन रोग भी हो सकते हैं। हालांकि अब कैंसर के इलाज की दवा का ट्रायल सफल हुआ है।

कैंसर की दवा का नाम

आपको बता दे कि प्रयोगशाला में कैंसर की दवा का एक छोटा सा क्लीनिकल ट्रायल हुआ है। जिसमें 18 रोगियों को लगभग 6 महीने तक दवा दी गई और अंत में उनमें से हर मरीज का ट्यूमर गायब हो गया। कैंसर की दवा का नाम ‘डॉस्टरलिमेब’ है। डॉस्टरलिमेब दवा लैब में तैयार अणुओं की दवा है, जो सब्सीट्यूट एंटीबॉडी के तौर पर काम करती है। विशेषज्ञों के का कहना हैं कि डॉस्टरलिमेब एक मोनोक्लोनल दवा है। मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कैंसर कोशिकाओं की सतह पर पीडी-1 नामक विशेष प्रोटीन के साथ मिलकर काम करती है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं की पहचान करके उन्हें नष्ट करने में प्रभावी है।

बता दे कि 18 मरीजों को कैंसर की एक ही दवा दी गई। बाद में उनकी जांच की गई, जिसमें एंडोस्कोपी, पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी या पीईटी स्कैन या एमआरआई स्कैन शामिल था। सभी जांच में उनके शरीर से कैंसर खत्म पाया गया। इस दवा को लेकर न्यूयॉर्क के मेमोरियल स्लोन केटरिंग कैंसर सेंटर के डॉक्टर लुईस ए डियाज ने जानकारी दी कि रोगियों को 6 महीने में हर तीन सप्ताह पर दवा के डोज दिए गए। हालांकि सभी रोगियों को कैंसर मलाशय में था और शरीर के अन्य अंगों तक नहीं पहुंचा था।

कैंसर की दवा की कीमत

शुरुआती ट्रायल के सफल होने के बाद अब इस बात की जांच की जाएगी कि क्या बड़े पैमाने पर परीक्षण की जरूरत पड़ेगी।मेमोरियल स्लोन केटरिंग कैंसर सेंटर और रिसर्च पेपर के सह-लेखक एवं पेशे से ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. एंड्रिया सेर्सेक का कहना हैं कि यह पता लगाएगा कि क्या यह दवा अधिक मरीजों के लिए काम आएगी और क्या कैंसर वास्तव में पूरी तरह से खत्म हो सकेगा। दवा की कीमत अलग अलग देशों में अलग अलग है। डॉस्टरलिमेब दवा की 500 एमबी खुराक की कीमत अमेरिका में लगभग आठ लाख रुपये (11,000 डॉलर) है, वहीं ब्रिटेन में खुराक 5,887 पाउंड में खरीद सकते हैं।

 

 

 

 

 

 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top