मेडिकल के छात्रों के लिए अब ब्रेन टेस्ट अनिवार्य नहीं..
इस विवाद की वजह से लिया गया फैसला..
चिकित्सा का अध्ययन करने के लिए उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों में आवेदन करने वाले छात्रों के लिए कोई आवश्यक रूप से दिमागी जांच नहीं होगी।
उत्तराखंड: चिकित्सा का अध्ययन करने के लिए उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों में आवेदन करने वाले छात्रों के लिए कोई आवश्यक रूप से दिमागी जांच नहीं होगी। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के छात्रों को एक मनोचिकित्सक टेस्ट (साइकेट्रिस्ट) लेने की आवश्यकता के निर्णय को चिकित्सा शिक्षा विभाग ने रद्द कर दिया है।
अब यह जांच जरूरत पढ़ने पर ही की जाएगी। हल्द्वानी के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज ने हाल ही में NEET UG और NEET PG के आवेदकों के लिए आवश्यक मनोचिकित्सा टेस्ट अनिवार्य किया था। लेकिन सरकार ने न तो इस संबंध में न तो नीतिगत फैसला लिया था और न ही देश के अन्य मेडिकल कॉलेजों में यह जांच अनिवार्य है। इसी के चलते प्रभारी स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा डॉ. आर. राजेश कुमार के निर्देश पर निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना ने किसी भी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में अनिवार्य रूप से मनोचिकित्सक टेस्ट नहीं कराने के निर्देश दिए हैं।
आपको बता दे कि शासकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी ने मेडिकल स्कूल में दाखिला लेने वाले छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य परीक्षा के चयन पर असहमति होने पर अनिवार्यता की शर्त को हटा लिया है। यदि मेडिकल बोर्ड को लगता है कि कोई छात्र मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है तो उसी स्थिति में मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण किया जा सकता है। कॉलेज प्रशासन द्वारा आवश्यक मानसिक स्वास्थ्य परीक्षा करने का निर्णय छात्र-छात्राओं के आत्महत्या करने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए यह निर्णय लिया गया था।