उत्तराखंड

रावल और कार्याधिकारी पर लगाए गए आरोपों से भारी आक्रोश

मंदिर विरोधी ताक़तों के कारण हो रही है छवि ख़राब

जोशीमठ। बीकेटीसी के सीईओ पर एक साध्वी द्वारा लगाए गए अर्नगल आरोपो से मंदिर कर्मचारियों मे भारी रोष है। केदारनाथ व बदरीनाथ अधिष्ठान के कर्मचारियों ने मंदिर समिति के मुख्यालय जोशीमठ मे आपात बैठक कर इस प्रकार के कृत्यो को सनातन धर्म के सर्वश्रेष्ठ मंदिरो को बदनाम करने की साजिश बताया गया। श्री बदरी-केदार कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जगमोहन वत्र्वाल की अध्यक्षता मे यहाॅ हुई आपात बैठक मे बीते दिनो एक साध्वी द्वारा करीब 24 वर्ष पूर्व कार्यरत रावल के साथ वर्तमान सीईओ पर भी अनर्गल आरोप लगाए जाने पर गहरा रोष व्यक्त किया गया।

कर्मचारी नेताओ ने कहा कि भगवान बदरीविशाल का मंदिर करोडो सनातन धर्मावलबियो की आस्था का सर्वश्रेष्ठ केंन्द्र है और इस मंदिर को पूर्व वर्षो में कतिपय सनातन धर्म विरोधी ताकतो द्वारा अपना मंदिर बताकर इसकी छवि धूमिल करने का कुत्सित प्रयास किया गया। बौद्ध धर्म द्वारा इस मंदिर को अपना बताया जाना और उसके बाद जैन धर्मावलंबियों द्वारा बदरीनाथ में बदरीनाथ मंदिर की ही तर्ज पर जैन मंदिर का निर्माण कराने का भी प्रयास किया गया, जो जागरूक सनातनियो के विरोध के कारण सफल नही हो सका। इसके बाद के वर्षों मे भी कुछ इस प्रकार की घटनाए प्रकाश मे आती रही। बैठक में कहा गया कि मंदिर विरोधी इन ताकतो द्वारा कभी न कभी मुख्य पुजारी श्री रावल तो कभी धर्माधिकारियो को टारगेट कर मंदिर की प्रतिष्ठा व पुजारियो के गरिमामय पदो को धूमिल करने का प्रयास किया जाता रहा । इस प्रकार के षडयंत्रो की व्यापक जाँच किए जाने की आवश्यकता है। बैठक मे यह भी जानकारी साझा की गई कि उक्त साध्वी द्वारा बीकेटीसी के चमोली विश्राम गृह मे 12 जून को मुख्य कार्याधिकारी का हवाला देते हुए निशुल्क कक्ष उपलब्ध कराने की याचना की गई थी और तप्त कुंड बदरीनाथ में पर्स खो जाने का जिक्र भी स्वलिखित प्रार्थनापत्र में दिया गया था। पत्र मे साध्वी ने मंदिर समिति के विश्राम गृहो को सर्वथा सुरक्षित भी बताया था और अनर्गल आरोप लगाए जाने का घटनाक्रम 10 जून 2017 का बताया जा रहा है।

बैठक में वक्ताओ ने कहा कि उक्त साध्वी द्वारा पर्स खोने का जिक्र करना मंदिर विश्राम गृहो को सुरक्षित बताना और बाद में मंदिर के सीईओ व कर्मचारियो पर अभद्रता का आरोप जड देना इन सब प्रकरणो से प्रतीत होता है कि यह एक गहरा षडयंत्र है। जिसकी उच्चस्तरीय जाॅच की जानी चाहिए। ताकि विपरीत परिस्थितियो मे बदरीनाथ एवं केदारनाथ धामो के कार्य करने वाले कर्मचारियों के मनोबल को टूटने से बचाया जा सके। बैठक मे लिए गए निर्णयो से संबधित पत्रो की प्रति मुख्यमंत्री, डीएम चमोली, एसपी चमोली व एसडीएम जोशीमठ को भी प्रेषित कर दी गई है। कर्मचारी संघ के सचिव प्रदीप सेमवाल के संचालिन मे हुई इस बैठक मे विधि अधिकारी शिशुपाल सिंह वत्र्वाल,लेखाकार सतीश सनवाल, संघ की उप सचिव अनीता उनियाल, डा0हर्षबर्धन बेंजवाल, राजेन्द्र चैहान, संदीप कपरूवाण , राजेन्द्र सेमवाल, कुलदीप भटट, कर्मचारी संघ के पूर्व अध्यक्ष विराज विष्ट, कोषाध्यक्ष अजय सती पूर्व सचित अरविंद पन्त सहित बदरीनाथ एंव केदारनाथ अधिष्ठानो के कर्मचारी मौजूद रहे।
(उत्तराखंड समाचार से साभार)

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