उत्तराखंड

बाबा केदार ने किया ओंकारेश्वर मंदिर से हिमालय के लिए गमन..

बाबा केदार ने किया ओंकारेश्वर मंदिर से हिमालय के लिए गमन..

बाबा के जयकारों से गूंजा ओंकारेश्वर मंदिर, बाबा की भक्ति में झूमे श्रद्धालु..

देश-विदेश के हजारों श्रद्धालुओं ने लिया यात्रा में भाग..

पांच मई को केदारनाथ पहुंच जायेगी बाबा केदार की डोली..

रविवार रात के समय की गई भैरवनाथ की पूजा..

भैरवनाथ के हिमालय पहुंचने के बाद आज सुबह बाबा की डोली भी हुई केदार के लिए रवाना..

 

रुद्रप्रयाग: द्वादश ज्योतिर्लिंग में अग्रणी व पर्वतराज हिमालय की गोद में बसे भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल आंेकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ से कैलाश के लिए रवाना हो गयी है।

भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश रवाना होने पर विद्वान आचार्यों के वेद ऋचाओं, भक्तों की जयकारों, महिलाओं के धार्मिक भजनों, आर्मी व स्थानीय वाद्य यंत्रों की मधुर धुनों से क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय बना रहा। विगत दो वर्षों से कोरोना संक्रमण की वजह से लगे लाॅकडाउन के कारण इस बार भक्तों में भारी उत्साह देखा गया।

भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश रवाना होने पर शीतकालीन गद्दीस्थल आंेकारेश्वर मन्दिर को अनेक प्रजाति के पुष्पों से भव्य रूप से सजाया गया था तथा अनेक भक्तों द्वारा विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया।

केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली प्रथम रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी पहुंच गयी है तथा विभिन्न यात्रा पड़ावो पर भक्तों को आशीष देते हुए पांच मई को केदारनाथ धाम पहुंचेगी और 6 मई को प्रातः 6 बजकर 25 मिनट पर भगवान केदारनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेंगें। सोमवार को भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दींस्थल आंेकारेश्वर मन्दिर में ब्रह्मा बेला पर विद्वान आचार्यों ने पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजायें संपंन कर भगवान केदारनाथ का आहवान कर विश्व शान्ति व समृद्धि की कामना की।

ठीक आठ बजे भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली का विशेष श्रृंगार किया गया तथा ब्राह्मणों ने वैदिक मंत्रोच्चारण से आगामी 6 मई से शुरू होने वाली केदारनाथ यात्रा के निर्विघ्न संपंन होने की कामना की। राॅवल भीमाशंकर लिंग ने केदारनाथ धाम के प्रधान पुजारी टी गंगाधर लिंग को पगड़ी व अचकन पहनाकर छः माह केदारनाथ धाम में विधि-विधान से पूजा-अर्चना तथा प्रवास करने का संकल्प दिया।

निर्धारित समय पर भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल आंेकारेश्वर मन्दिर से कैलाश के लिए रवाना हुई तो श्रद्धालुओं की जयकारों से क्षेत्र का वातावरण गंुजायमान हो उठा और सैकड़ों भक्त आर्मी की बैंड धुनों पर नृत्य करने लगे। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश रवाना होने के पावन अवसर पर पुष्प समिति ऋषिकेश की ओर से आंेकारेश्वर मन्दिर को कई कुन्तल फूलों से सुसज्जित किया गया है तथा कई भक्तों ने भण्डारे का आयोजन किया।

इस मौके पर केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत, मन्दिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, भाजपा नेता संजय शर्मा दरमोड़ा, आनन्द सिंह रावत, रघुवीर पुष्वाण, सन्दीप पुष्वाण, प्रमोद धर्म्वाण, शिव सिंह रावत, बसन्ती रावत, बिक्रम सिंह नेगी, पूर्व प्रमुख लक्ष्मी प्रसाद भटट्, प्रभारी कार्यधिकारी आरसी तिवारी, राजकुमार नौटियाल, यदुवीर पुष्वाण, डाॅ केदार लिंग, राजशेखर लिंग, शिव शंकर लिंग, बागेश लिंग, शिव लिंग, बीना बिष्ट, बृजमोहन नेगी, माधुरी नेगी, हरिहर रावत, उमेश चन्द्र काण्डपाल, वी पी भटट्, जगत सिंह पंवार, दर्शनी पंवार, प्रदीप राणा, नागेन्द्र राणा, एस डीएम जितेन्द्र वर्मा, तहसीलदार दीवान सिंह राणा, मृणाल बेंजवाल, संजय बड़थ्वाल, सुधांशू चमोली, राजकुमार तिवारी सहित हजारों श्रद्धालु व 11 मराठा रेजिमेंट की 17 सदस्यीय बैंड पार्टी मौजूद थी।

 

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