उत्तराखंड

सत्ता परिवर्तन के बीच मार्च की चुनौती से कैसे निपटेंगे CM तीरथ..

सत्ता परिवर्तन के बीच मार्च की चुनौती से कैसे निपटेंगे CM तीरथ..

उत्तराखंड: प्रदेश में बजट खर्च को लेकर पहले से ही रफ़्तार सुस्त थी ऐसे में जो सियासी उठापटक हुयी लगभग एक पखवाड़ा व्यवस्था परिवर्तन में जाता दिख रहा है अब इस मौजूदा बदलाव के बीच खड़ा है वित्त वर्ष का अंतिम महीना मार्च जिसमें बजट खर्च करने की रफ्तार पहले से भी सुस्त पड़ती दिख रही है अब ऐसे में , 31 मार्च तक योजनाओं के लिए जारी किये गए राशि को खर्च कर पाना चुनौती बन गया है। आपको यहाँ ये भी बता दें कि राज्यभर में बजट को समय पर पूरा करने के लिए इस बार सरकार ने विभागों को मार्च से पहले ही शत-प्रतिशत बजट जारी कर दिया था। लेकिन मौजूदा बदलाव के बाद अब तीरथ सरकार में बजट खर्च करने की रफ्तार बढ़ाने की बड़ी चुनौती खडी है ,शासन के सूत्रों का कहना है कि, ज्यादातर सरकारी विभागों में विभिन्न योजनाओं के लिए आवंटित बजट की 20 से 30 प्रतिशत राशि खर्च होनी अभी भी बाकी है।

 

सरकार हर साल अपने बजट का अधिकांश हिस्सा मार्च में विभागों को जारी करती है। इस कारण मार्च में खासा दबाव रहता है। कई बार तो विभाग योजनाओं का पैसा खर्च ही नहीं कर पाते और फिर इस राशि को सरेंडर करना पड़ता है। लिहाजा, वित्त विभाग ने इस वर्ष फरवरी तक सभी विभागों को बजट जारी कर दिया था। इतना ही नहीं, मार्च की शुरुआत तक 65 से 70 प्रतिशत तक बजट खर्च भी हो चुका था।

 

अब आदेश है की योजनाओं को जल्द पूरा किया जाए..

इधर, पहले बजट सत्र और फिर सत्ता में अचानक हुए परिवर्तन की वजह से पिछले एक सप्ताह में बजट खर्चने की रफ्तार में कमी आ गई है। वित्त विभाग के सूत्रों ने बताया है कि लोनिवि और स्वास्थ्य समेत कई बड़े विभागों में अब भी 20 से 30% बजट खर्च होना बाकी है। ऐसे में विभागों को योजनाएं जल्द पूरी करने को कहा है। लेकिन अब जिस तरह से नए मुख्यम्नत्री तीरथ सिंह रावत ने मीटिंग्स और आदेशों को देना शुरू कर दिया है उससे लगता है इस सुस्त पड़ती रफ़्तार में तेज़ी भी दिखाई देगी और बजट खर्च में बेहतर नतीजे सामने आएंगे।

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