5 साल की बच्ची का गला घोंटकर मार डाला, पड़ोसी के घर में जाती थी मासूम..
देश-विदेश : बिहार में एक शख्स ने बदनामी से बचने के लिए 5 साल की बच्ची की गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद पूरे दिन बच्ची के शव को अपने घर में छिपाये रहा और रात होते ही उसे बगले के खेत में ले जाकर फेंक दिया। इतनी निर्मम घटना राजधानी पटना से सटे फतुहा थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर गांव में हुई है। घटना यह है कि, इसका पर्दाफाश पुलिस ने किया है। पुलिस ने इस मामले में बच्ची के पड़ोस में ही रहने वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया है।
आरोपित के घर हमेशा आती-जाती रहती थी बच्ची..
रविवार को फतुहा के एसडीपीओ राजेश कुमार मांझी ने इस मामले की पूरी जानकारी मीडिया के साथ साझा की है। इस दौरान उनके साथ फतुहा के थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह, एसआइ ललित विजय व मिथलेश कुमार भी मौजूद थे। मामले के आरोपित बिक्रम सहनी ने पुलिस के सामने कबूल किया कि सुल्तानपुर गांव निवासी मृतक मिष्टी के परिवार से उसका पुराना संबंध है। इस कारण वह प्रतिदिन घर आती-जाती थी।
गाय का पैर पड़ने के बाद बेहोश हो गई थी बच्ची..
पांच मार्च की शाम में भी मिष्टी आई, उस वक्त मेरी पुत्री ने गाय का दूध निकालने की जिद की। मैंने इजाजत दे दी। उस वक्त मिष्टी भी खड़ी थी। गाय अनजान आदमी को देख भड़क गई और बगल में खड़ी मिष्टी के शरीर पर चढ़ गई। इससे वह बेहोश हो जमीन पर गिर पड़ी। बिक्रम को लगा कि मिष्टी का परिवार हमको बदनाम कर देगा, पुलिस केस में फंसा देगा, इसलिए घायल हालत में ही साक्ष्य मिटाने की नीयत से उसका गला घोंटकर हत्या कर दी और शव को पहले तो चार-पांच घंटे तक घर में छिपाए रखा। फिर देर रात होने पर बच्ची के शव को गांव के बगल गेहूं के खेत में फेंक दिया।
सुबह मिला था बच्ची का शव..
छह मार्च की सुबह गांव वालों ने गेहूं के खेत में शव पड़ा देखा। शव को देखते ही स्वजन पहुंच गए और दहाड़ मारकर रोने लगे। ग्रामीणों ने सूचना फतुहा पुलिस को दी तो ग्रामीण एसपी कांतेश कुमार मिश्रा, एसडीपीओ राजेश कुमार मांझी व थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए पटना भेजा।