31 अक्टूबर से बंद होगी फूलों की घाटी, पर्यटकों की संख्या में दर्ज हुई भारी गिरावट..
उत्तराखंड: विश्व धरोहर स्थल फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान इस बार अपेक्षित संख्या में पर्यटकों को आकर्षित नहीं कर सका। अब जबकि घाटी का सीजन अपने अंतिम पड़ाव पर है, पर्यटकों की आवाजाही में भी तेज़ी से गिरावट दर्ज की जा रही है। प्रशासन का मानना है कि अब सीजन खत्म होने के चलते आने वाले दिनों में भी पर्यटकों की संख्या में खास बढ़ोतरी होने की उम्मीद नहीं है। फूलों की घाटी में इस साल विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि जरूर देखने को मिली है, लेकिन भारतीय पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आई है। इसका सीधा असर नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन के राजस्व पर पड़ा है। जानकारी के अनुसार पिछले साल घाटी में 17,654 भारतीय पर्यटक पहुंचे थे, जबकि इस साल अब तक केवल 14,528 पर्यटक ही यहां आ पाए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि अब घाटी में फूल सूखने लगे हैं, जिसके कारण पर्यटकों की रुचि भी कम हो रही है। यही वजह है कि इस बार घाटी में पहले के मुकाबले कम भीड़ देखने को मिली। घाटी हर साल की तरह इस बार भी 31 अक्टूबर को पर्यटकों के लिए बंद कर दी जाएगी। प्राकृतिक सुंदरता और अद्भुत जैव विविधता के लिए विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी हर साल देश-विदेश से हजारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। लेकिन इस बार भारतीय पर्यटकों की संख्या में आई कमी ने प्रशासन को भी चिंता में डाल दिया है।
अब जब घाटी का सीजन अपने अंतिम चरण में है, पर्यटकों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। घाटी को हर साल की तरह इस बार भी 31 अक्टूबर को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया जाएगा। वनक्षेत्राधिकारी चेतना कांडपाल का कहना हैं कि इस साल घाटी में भारतीय पर्यटकों की संख्या में करीब तीन हजार की कमी दर्ज हुई है। पिछले साल यहां 17,654 भारतीय पर्यटक पहुंचे थे, जबकि इस साल अब तक केवल 14,528 भारतीय पर्यटक ही आए। हालांकि, विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि देखने को मिली है। पिछले साल जहां 268 विदेशी पर्यटक पहुंचे थे, वहीं इस साल यह संख्या बढ़कर 384 हो गई है। पर्यटकों की संख्या में आई इस कमी का सीधा असर पार्क प्रशासन की आय पर पड़ा है। पिछले साल पार्क को 36 लाख 18 हजार 450 रुपये की आय हुई थी, जबकि इस साल अब तक केवल 31 लाख 13 हजार 700 रुपये ही प्राप्त हुए हैं। फूलों की घाटी अपनी अनोखी जैव विविधता, दुर्लभ प्रजातियों के फूलों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए विश्वभर में मशहूर है। हर साल यहां देश-विदेश से हजारों लोग भ्रमण करने आते हैं। लेकिन इस बार भारतीय पर्यटकों की संख्या में कमी ने न केवल प्रशासन को चिंता में डाला है, बल्कि राजस्व पर भी बड़ा असर डाला है।
