उत्तराखंड

नैनीताल हाईकोर्ट में आज मामले को लेकर सुनवाई..

नैनीताल हाईकोर्ट में आज मामले को लेकर सुनवाई..

जिले में बढ़ाई गई अतिरिक्त सुरक्षा..

 

 

उत्तराखंड: उत्तरकाशी मस्जिद विवाद को लेकर आज गुरुवार को नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। बीते चार माह से उत्तरकाशी जनपद में मस्जिद विवाद शांत होता नजर नहीं आ रहा है। आज मामले में सुनवाई के साथ ही जिले में अतिरिक्त सुरक्षा बढ़ाई गई है।अल्पसंख्यक सेवा समिति जहां इस मामले पर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुकी है। वहीं देवभूमि विचार मंच मस्जिद के खिलाफ महापंचायत के बाद अब बजरंग दल के नेतृत्व में आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर रहा है। इसके साथ ही डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट के निर्देश पर गठित अतिक्रमण जांच समिति भी मस्जिद से जुड़े दस्तावेजों की जांच कर रही है। कुछ दिनों पूर्व इस समिति के अध्यक्ष एसडीएम भटवाड़ी मुकेश चंद रमोला ने मस्जिद के दस्तावेजों पर शक जताते हुए मस्जिद की जमीन के खातेदार करीब 9 लोगों को नोटिस जारी किए थे। इनमें तीन खातेदार ऐसे भी थे, जिनका निधन हुए 8 साल से अधिक का समय हो चुका है। लेकिन जीवित खातेदारों व उनके आश्रितों ने प्रशासन को संयुक्त जवाब और दस्तावेज की प्रतिलिपियां सौंपी हैं।

 

हालांकि यहां महापंचायत के सहित अन्य कार्यों में व्यस्तता के चलते यह समिति अब तक इन दस्तावेजों की जांच नहीं कर पायी। लेकिन अब जल्द ही दस्तावेजों की जांच शुरू होगी। आपको बता दें कि डीएम के निर्देश पर 3 सितंबर को अतिक्रमण की जांच के लिए गठित समिति में एसडीएम अध्यक्ष व सीओ, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, पालिका की अधिशासी अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल हैं।

क्या है मामला

उत्तरकाशी के अल्पसंख्यक सेवा समिति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि 24 सितंबर से कुछ संगठनों की ओर से भटवाड़ी रोड स्थित सुन्नी समुदाय की मस्जिद को अवैध बताकर उसे ध्वस्त करने की धमकी दी जा रही है। इसकी वजह से तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसलिए मस्जिद की सुरक्षा करने के आदेश राज्य सरकार को दिए जाएं। याचिका में कहा गया कि मस्जिद वैध है और 1969 में जमीन खरीदकर बनाई गई। 1986 में वक्फ कमिश्नर के निरीक्षण में भी इसे वैध पाया गया।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को कहा कि इस तरीके के भड़काऊ बयान देना सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को आदेश देकर कहा है कि अगर किसी जाति धर्म या समुदाय के लिए भड़काऊ बयान का सहारा लिया जाता है तो राज्य सरकार सीधे मुकदमा दर्ज करे लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक इस मामले में किसी के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया है।

 

 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top