उत्तराखंड

इस बार 175 दिन तक चली केदारनाथ यात्रा, पिछले साल से सवा लाख अधिक श्रद्धालु पहुंचे..

इस बार 175 दिन तक चली केदारनाथ यात्रा, पिछले साल से सवा लाख अधिक श्रद्धालु पहुंचे..

 

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड की आस्था और भक्ति का प्रतीक केदारनाथ धाम यात्रा 2025 इस वर्ष एक नया रिकॉर्ड कायम कर गई है। 175 दिनों तक चली इस पवित्र यात्रा के दौरान 17.68 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए। यह संख्या पिछले वर्ष (2024) की तुलना में लगभग सवा लाख अधिक रही। गुरुवार को भैया दूज के पावन अवसर पर विधि-विधान, वैदिक मंत्रोच्चारण और पारंपरिक रीतियों के साथ केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इसी के साथ इस वर्ष की यात्रा आधिकारिक रूप से संपन्न हो गई। केदारनाथ धाम में इस वर्ष कुल 17,68,795 श्रद्धालु पहुंचे, जबकि वर्ष 2024 में यह संख्या 16,52,076 तीर्थयात्रियों की थी। यानी इस वर्ष 1,16,719 अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किए। राज्य सरकार और प्रशासन के बेहतर प्रबंधन, मौसम की अनुकूलता और सुविधाओं के विस्तार से इस बार श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। हालांकि उत्तरकाशी जिले में आई प्राकृतिक आपदा का असर गंगोत्री और यमुनोत्री धामों की यात्रा पर पड़ा। इन दोनों धामों में इस बार श्रद्धालुओं की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में कुछ कम दर्ज की गई। फिर भी श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति में कोई कमी नहीं रही, और दोनों धामों में दर्शन का क्रम निरंतर जारी रहा। केदारनाथ के साथ ही बद्रीनाथ धाम में भी इस वर्ष तीर्थयात्रियों की संख्या ने नया कीर्तिमान बनाया है। अब तक 15.40 लाख श्रद्धालु भगवान बद्री विशाल के दर्शन कर चुके हैं। धाम के कपाट 25 नवंबर को बंद किए जाएंगे, और अनुमान है कि तब तक यह संख्या 16 लाख के पार पहुंच जाएगी।

उत्तरकाशी जिले में इस वर्ष आई प्राकृतिक आपदा ने चारधाम यात्रा पर भी गहरा असर डाला। विशेष रूप से धराली और हर्षिल क्षेत्र में भूस्खलन और भारी वर्षा के कारण गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा कई दिनों तक बाधित रही। इस वजह से इन दोनों पवित्र धामों में श्रद्धालुओं की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में काफी कम दर्ज की गई। आपदा के कारण रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए थे, जिससे यात्रा कई दिनों तक पूरी तरह ठप रही। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमों ने मार्गों की मरम्मत कर यात्रा को दोबारा सुचारू किया, लेकिन तब तक यात्रा का बड़ा हिस्सा प्रभावित हो चुका था। पिछले वर्ष यमुनोत्री धाम में 7.14 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे, जबकि इस वर्ष यह संख्या घटकर 6.45 लाख रही। इसी तरह गंगोत्री धाम में पिछले वर्ष 8.18 लाख तीर्थयात्री पहुंचे थे, जबकि इस बार यह संख्या 7.58 लाख दर्ज की गई। हालांकि प्राकृतिक आपदा ने यात्रा को बाधित किया, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति में कोई कमी नहीं आई। यात्रा दोबारा शुरू होने के बाद हजारों तीर्थयात्रियों ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद धाम पहुंचकर गंगा और यमुना माता के दर्शन किए। स्थानीय पुजारियों और मंदिर समिति के सदस्यों का कहना है कि प्राकृतिक बाधाओं के बावजूद भक्तों का उत्साह अविचल रहा। जैसे ही मार्ग खुले, बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे। उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने कहा कि अगले सीजन में ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए पूर्व तैयारी, वैकल्पिक मार्गों की पहचान और आपात संचार व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ किया जाएगा।

 

 

 

 

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